बस्ती : वामपंथी दलों ने प्रदेश की मौजूदा कानून व्यवस्था पर जताया आक्रोश

बस्ती : वामपंथी दलों ने प्रदेश की मौजूदा कानून व्यवस्था पर जताया आक्रोश

अमृत विचार, बस्ती । वामपंथी दलों सीपीआईएम, सीपीआई, सीपीआईएमएल के पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदेश की मौजूदा कानून व्यवस्था को लेकर आक्रोश जताया। इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन भेजा। माकपा नेता कामरेड केके तिवारी ने बताया कि 15 अप्रैल 2023 की रात में प्रयागराज में पुलिस हिरासत में जिस तरह से दो लोगों की हत्या की गई। उसने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गहरा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। वारदात के समय काफी संख्या में मौजूद पुलिस के द्वारा हमलावरों के विरुद्ध कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की गई और हमलावर इत्मीनान के साथ हत्या का अपराध करने में सफल हुए। यह घटनाएं स्पष्ट करती है कि प्रदेश में कानून का राज नहीं रह गया है और अपराधी पुलिस बल पर भारी हैं।

सीपीआई नेता कामरेड अशरफी ने कहा कि हमलावरों ने हत्या के बाद जो नारे लगाए और सरकार के मंत्रियों तथा भाजपा के नेताओं के जो बयान आ रहे हैं, उससे सांप्रदायिक नफरत पैदा करने की कोशिश स्पष्ट नजर आ रही है। इससे पहले भी बलिया में एक छात्र नेता को गुंडों ने दौड़ा-दौड़ा कर मार डाला, किंतु पुलिस की ओर से अपराधियों के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। फर्जी एनकाउंटर के द्वारा आरोपितों की पुलिस द्वारा हत्या की घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं। मांग किया कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाए जाएं। कानून का राज स्थापित किया जाए और मुख्यमंत्री सहित भाजपा के अन्य नेताओं के लोकतंत्र एवं संविधान विरोधी बयानों तथा वक्तव्यों पर रोक लगाई जाए। ज्ञापन देने वालों में कामरेड राम लौट, कामरेड शेष मणि, सपा नेता राम शंकर निराला, जनौस नेता शिव चरण निषाद, कृष्ण मुरारी, श्याम मनोहर जायसवाल आदि शामिल रहे।

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