कोरोना के बढ़ते मामले

कोरोना के बढ़ते मामले

देश में कोविड-19 का दायरा फिर से बढ़ता रहा है जिसके चलते कई राज्यों में चिंताजनक स्थिति बनती जा रही है। हालांकि प्रदेश सरकारों द्वारा बीते कोरोना काल के अनुभव के आधार पर राज्य में कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने के निर्देश देते हुए मास्क और सेनेटाइजर के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है। बीते कई दिनों से कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि दर्ज हो रही हैं। एक आंकड़े के अनुसार प्रतिदिन लगभग दस हजार कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। 

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार से बुधवार तक 10 हजार 542 नए मामले दर्ज किए गए तथा 38 लोगों की मौत भी हुई है। यह इस साल के अब तक का सबसे ज्यादा मौतों का आंकड़ा है। एक्टिव केस के आंकड़े बढ़कर 63 हजार 562 हो गए हैं। जबकि सोमवार को एक्टिव केसों की संख्या 61 हजार 233 थी। देश के पांच राज्यों में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहें हैं जिसमें केरल, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश शामिल है। पिछले 24 घंटे में केरल में 2041, दिल्ली में 1537, हरियाणा में 965, महाराष्ट्र में 949 और यूपी में 818 समेत 6310 कोरोना के नए केस सामने आए हैं, जो कि पिछले 24 घंटे में आए कुल मामलों का 59 प्रतिशत हैं। 

कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने मार्च में ही राज्यों को मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए थे जिसके बाद से यूपी के अस्पतालों में भी मॉक ड्रिल कराया गया। यह बात सही है कि इस समय कोरोना से वही लोग संक्रमित हो रहे हैं जो पहले से ही किसी न किसी रोग से पीड़ित हैं, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि हम लापरवाही बरतें जिससे कोरोना फैलने का खतरा बढ़े। ताजा भविष्यवाणी की माने तो आने वाले दशक में कोरोना महामारी विकराल रूप ले सकती है। सरकारें व स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से कोरोना की रोकथाम का उपाय कर रहें हैं।

कोरोना की जांच, वैक्सीन और इलाज स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है, लेकिन इतना भर काफी नहीं है। कोरोना की पूरी तरह से रोकथाम के जनता को भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए कोविड गाइडलाइन का पालन करना चाहिए तभी हम कोरोना को मात दो सकेंगे। बहरहाल अभी देखा जा रहा है कि लोगों में कोरोना को लेकर बेपरवाही है। सार्वजनिक स्थानों-भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोग गाइडलाइन का पालन करते नहीं दिखाई देते। यह बड़ी चिंता की बात है।

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