झारखंड बंद: छात्र संगठन के कार्यकर्ता सरकारी नौकरियों में शत प्रतिशत आरक्षण के लिए सड़कों पर उतरे 

झारखंड बंद: छात्र संगठन के कार्यकर्ता सरकारी नौकरियों में शत प्रतिशत आरक्षण के लिए सड़कों पर उतरे 

रांची। सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर बुधवार को सुबह विभिन्न छात्र संगठनों के सदस्य राज्यव्यापी बंद लागू करने के लिए झारखंड की सड़कों पर उतरे। झारखंड राज्य छात्र संघ (जेएसएसयू) के सदस्यों ने रांची के मोराबादी इलाके में सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।

वे पास की सब्जी मंडी भी गए और दुकानदारों से अपनी दुकानें बंद करने को कहा। अन्य जिलों में भी ऐसा ही हाल देखने को मिला, लेकिन सुबह के समय जनजीवन पर असर नहीं पड़ा। राज्य भर में कई स्कूल बंद रहे, जबकि झारखंड अकादमिक परिषद (जेएसी) ने निर्धारित परीक्षाओं को रद्द कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि बंद के आह्वान को देखते हुए राज्य की राजधानी में करीब 2,500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 100 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर छात्र संगठन अपने 72 घंटे के आंदोलन के तहत सोमवार से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रांची में मंगलवार शाम को प्रदर्शनकारियों ने मशाल जुलूस निकाला। उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था।

जेएसएसयू नेता देवेंद्र महतो ने कहा, "इस सरकार ने स्थानीय लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में 100 प्रतिशत आरक्षण का वादा किया था, लेकिन राज्य के बाहर के छात्रों के लिए दरवाजा खोल दिया, जिससे हमें बंद का आह्वान करना पड़ा।" उन्होंने कहा कि 1932 की 'खतियान' (भूमि बंदोबस्त) आधारित भर्ती योजना को लागू करने के बजाय, यह सरकार पुरानी रोजगार नीति को वापस ले आई है जिसके तहत 60 प्रतिशत सीटें वंचित छात्रों के लिए आरक्षित होंगी, जबकि 40 प्रतिशत सीट सभी के लिए होंगी।

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