बरेली: बड़े शौक से बनवाया टैटू, अब करा रहे हैं हिपेटाइटिस का इलाज
जिला अस्पताल में हर महीने पहुंच रहे हैं 10 से 12 नए मरीज, यूपी के संवेदनशील जिलों में शामिल हुआ बरेली, जिले भर में टैटू बनवाकर हिपेटाइटिस के शिकार हुए लोगों की तादाद दो सौ के पार
अंकित चौहान, बरेली, अमृत विचार : जिले में ऐसे लोगों की संख्या दो सौ के पार हो गई है जिन्होंने बड़े शौक से शरीर पर टैटू गुदवाया था और फिर कुछ ही समय बाद गंभीर बीमारी हिपेटाइटिस के शिकार हो गए। जिला अस्पताल में हर महीने ऐसे मरीजों के पहुंचने का औसत 10 से 12 है। इससे भी कहीं ज्यादा लोगों का प्राइवेट अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
ये भी पढ़ें - बरेली: एमएड के आठ और एलएलएम के तीन छात्रों का यूजीसी नेट में चयन
हिपेटाइटिस के मरीजों की संख्या दूसरे जिलों की तुलना में काफी ज्यादा होने की वजह से ही बरेली को संवेदनशील तक घोषित किया जा चुका है। युवाओं में सिर्फ पुरुष ही नहीं, शरीर पर टैटू बनवाने वाली उन युवतियों की भी संख्या काफी है। टैटू बनवाने का ट्रेंड जेहन पर इस कदर हावी है कि कोई इसकी परवाह करने को तैयार नहीं है कि टैटू बनवाने में पर्याप्त सावधानी न बरतने पर वे कितनी गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।
टैटू बनवाने वालों की दुकानें हर तरफ मौजूद हैं और ग्राहकों की भी कोई कमी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक हिपेटाइटिस के शिकार होने वालों में अच्छी-खासी संख्या ऐसे लोगों की है जिन्होंने शरीर पर टैटू बनवाया था। हालांकि यह भी दावा किया जा रहा है कि जिला अस्पताल में लगातार इलाज की वजह से इन मरीजों की हालत स्थिर है।
संवेदनशील, इसलिए सप्ताह में दो दिन ओपीडी: हिपेटाइटिस के मामले में बरेली प्रदेश के संवदेनशील जिलों में शामिल है। 2021 में हिपेटाइटिस के बढ़ते मामलों के कारण जिला अस्पताल में सप्ताह में दो दिन ओपीडी चलाने का निर्णय लिया गया था। हर मंगलवार और शुक्रवार को जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस के मरीजों के लिए ओपीडी चलाई जा रही है। जिले भर में दो सौ से ज्यादा मरीज हैं जिनका हेपेटाइटिस बी और सी का इलाज चल रहा है।
आसानी से फैलता है गंभीर रोगों का संक्रमण
जिला अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल वाजपेयी के अनुसार टैटू बनवाते समय त्वचा छिल जाती है। इस वजह से टैटू की सुई शरीर के खून और प्लाज्मा के संपर्क में आ जाती है। अगर एक सुई से एक से ज्यादा लोगों के शरीर पर टैटू बनाया जाता है तो एक-दूसरे की गंभीर बीमारी के संक्रमण का शिकार होने का खतरा है। एचआइवी, हिपेटाइटिस बी और सी, त्वचा में एलर्जी, त्वचा क्षतिग्रस्त जैसी गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं।
टैटू बनवाएं तो जरूर रखें ख्याल...
- टैटू बनवाने के बाद इस्तेमाल की गई सुई को अपने सामने नष्ट करा दें।
- टैटू बनवाने जाएं तो अपने सामने सुई बदलवाएं, उसकी पैकिंग सामने खुलवाएं।
- पैकिंग खुलवाने के बाद सुई को अच्छी तरह से स्टेरिलाइज भी करा लें।
- टैटू बनाने में इस्तेमाल होने वाले रंग उच्च गुणवत्ता और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हों।
- टैटू बनाते समय आर्टिस्ट को हाथ में ग्लब्स पहने होना चाहिए।
इन बीमारियों का खतरा : एचआइवी संक्रमण, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी,
ये भी पढ़ें - बरेली: शिल्पी और लवी को मिला सीमा स्मृति साहित्य सम्मान