मुरादाबाद : हिंदी का बढ़ता वर्चस्व विश्व पटल पर भारत का भव्य विस्तार

आशुतोष राणा को पसंद आया गजलकार गैर का संग्रह, वेब सीरीज की शूटिंग के सेट पर हुई मुलाकात

मुरादाबाद : हिंदी का बढ़ता वर्चस्व विश्व पटल पर भारत का भव्य विस्तार

फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा को वेब सीरीज की शूटिंग के दौरान अपनी गजल संग्रह खेत के पांव को देते अमरोहा के डीइओ अनुराग मिश्र गैर।

विनोद श्रीवास्तव, अमृत विचार।  सरकारी अधिकारी के फर्ज के साथ लेखनी को जिंदगी में अहमियत देने वाले प्रसिद्ध गजलकार अनुराग मिश्र गैर की गजल संग्रह खेत के पांव को प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता, प्रखर वक्ता एवं साहित्यकार आशुतोष राणा ने सराहा है। गजलकार अनुराग ने गुरुवार को बातचीत में बताया कि वेब सीरीज गैंगस्टर के सेट पर फिल्म अभिनेता से भेंट में साहित्य की विधा को और मजबूती मिली है। 

अमरोहा के जिला आबकारी अधिकारी और प्रसिद्ध गजलकार अनुराग मिश्र गैर की गजल संग्रह खेत के पांव को फिल्म अभिनेता प्रखर वक्ता आशुतोष राणा ने वेब सीरिज गैंगस्टर की शूटिंग के दौरान मुलाकात में पढ़ा। आशुतोष राणा न सिर्फ मंझे और सफल अभिनेता व प्रखर वक्ता हैं बल्कि साहित्य की विधा में उन्हें मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य अकादमी, महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी सहित देश के बड़े साहित्यिक सम्मान भी प्राप्त हैं। 

वेब सीरीज गैंगस्टर के सेट पर जिला आबकारी अधिकारी अनुराग ने डॉ.यतीन्द्र कटारिया की उपस्थिति में उनसे मुलाकात की तो साहित्य की चर्चा स्वाभाविक थी। उन्होंने यतींद्र और अनुराग से फिजी में हुए विश्व हिंदी साहित्य सम्मेलन सहित अन्य कई विधाओं पर बात की।  अनुराग मिश्र गैर ने बताया कि उनकी किताब खेत के पांव की गजलों को गुनगुनाते हुए आशुतोष राणा ने कहा कि विश्व पटल पर हिंदी का बढ़ता वर्चस्व भारत का भव्य विस्तार है। आम आदमी का दर्द और भाव जब साहित्य में अपनेपन का एहसास दे तो समझा जाए कि साहित्य समाज का प्रतिबिंब प्रस्तुत कर रहा है। आशुतोष ने विश्व हिंदी साहित्य सम्मेलन में सहभागिता न कर पाने का अफसोस जताया। इस मुलाकात के सहयोगी बने  फिल्म अभिनेता लोकेश तिलकधारी के प्रति अनुराग ने आभार जताया। 

गैर के पास गजल व किताबों का भंडार 
उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के रहने वाले अनुराग की गजलें आकाशवाणी लखनऊ और साधना चैनल पर प्रकाशित होने के अलावा कई समाचार पत्रों, पत्रिकाओं सरिता, गृहशोभा, वनिता, गगनांचल, मेरी सहेली में स्थान पा चुकी हैं। उन्हें देश प्रदेश की 40 संस्थाओं से मानद उपाधि और सम्मान पा चुके हैं। उन्हें काव्य संकलन तृष्णा के लिए उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान लखनऊ द्वारा 2017-18 में डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन पुरस्कार मिल  चुका है।

यह हैं सहयोगी काव्य संकलन
गैर ने बताया कि उनकी सहयोगी काव्य रचनाओं का संकलन स्वर सर्जना, छिटक रही चांदनी, शब्द सूर्य व एक मुस्कान का अर्चन साहित्यायन, कैसे कहूं व नुपूर आदि हैं। इसके अलावा गगन स्वर पत्रिका गाजियाबाद के जून-जुलाई 2014 के अंक 35 में कवि विशेष के तौर पर परिशिष्ट प्रकाशित हुई है।

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