Som Pradosh Vrat 2023: सोम प्रदोष संग अनंग त्रयोदशी का संयोग, जानिए पूजा विधि, महत्व और उपाय

Som Pradosh Vrat 2023 : चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को सोम प्रदोष का व्रत किया जाएगा। इसके साथ ही इस शुभ दिन पर अनंग त्रयोदशी का भी शुभ संयोग बन रहा है। सोम प्रदोष व्रत पर चंद्रमा सूर्य की राशि में रहेंगे और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का प्रभाव बना रहेगा। इस दिन आप भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा कर सकते हैं। सोम प्रदोष के साथ बन रहे अनंग त्रयोदशी के शुभ संयोग पर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने पर व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
त्रयोदशी तिथि या प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा बहुत खास मानी जाती है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस शुभ दिन पर व्रत करने और विधि विधान के साथ पूजा करने से दो गाय के दान के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है और कुंडली में सभी ग्रह-नक्षत्रों का शुभ परिणाम प्राप्त होता है। जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होती है, उनको सोम प्रदोष का व्रत अवश्य करना चाहिए। सोम प्रदोष का व्रत सर्व सुख-शांति देने वाला माना गया है। प्रदोष व्रत या त्रयोदशी तिथि पर सुबह और प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
अनंग त्रयोदशी के व्रत में महादेव-माता पार्वती के साथ कामदेव और उनकी पत्नी रति की पूजा की जाती है। अनंग का एक नाम कामदेव है अर्थात बिना अंग के। भगवान शिव ने कामदेव को जब भस्म कर दिया था तब रति की प्रार्थना पर महादेव ने कामदेव को पुन: जीवन दिया। इसके बाद कामदेव का एक नाम अनंग भी हो गया। इनकी पूजा करने से वैवाहिक जीवन मधुर रहता है और जीवन में तरक्की के योग बनते हैं। इस वजह से प्रेमी युगल और शादीशुदा लोगों को इस दिन व्रत और पूजा पाठ करनी चाहिए। संतान की चाह रखने वाले, सुयोग्य वर की प्राप्ति वालों को इस दिन व्रत करने से उनकी इच्छा पूरी होती है। साथ ही धन, ऐश्वर्य के साथ आरोग्य की भी प्राप्ति होती है।
सोम प्रदोष व्रत और अनंग त्रयोदशी तिथि पूजा शुभ मुहूर्त
सोम प्रदोष व्रत 3 अप्रैल 2023 दिन सोमवार
त्रयोदशी तिथि का आरंभ - 3 अप्रैल सुबह 6 बजकर 25 मिनट
त्रयोदशी तिथि का समापन - 4 अप्रैल सुबह 8 बजकर 6 मिनट
प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - शाम 5 बजकर 55 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट तक
प्रदोष व्रत या त्रयोदशी तिथि की पूजा का मुहूर्त शाम में सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद का होता है। इसी अवधि को प्रदोष काल कहते हैं।
सोम प्रदोष व्रत और अनंग त्रयोदशी तिथि पूजा विधि
प्रदोष व्रत या त्रयोदशी तिथि की पूजा प्रदोष काल में करनी चाहिए। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर पास के हाथ में चावल लेकर व्रत का संकल्प लें। आप सुबह भी भगवान शिव की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करें। पूरे दिन व्रत रखें और रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। इसके बाद प्रदोष काल में शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें। फिर 21 बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें और रोली, फूल, सफेद मिठाई, चंदन आदि चीजें अर्पित करें। इसके बाद घी के दीपक से आरती उतारें और फिर शिव चालीसा का पाठ करें।
सोम प्रदोष और अनंग त्रयोदशी तिथि के उपाय
आरोग्य की होती है प्राप्ति
स्वास्थ्य संबंधी समस्या से परेशान हैं तो एक लोटे में दूध, घी, शहद, दही और गुड़ का घोल कर तैयार कर लें और प्रदोष काल में शिवलिंग पर अर्पित कर लें। साथ ही सफेद नैवेघ और फूल के साथ 5 बेलपत्र चढ़ाएं। पूजा के बाद ''ॐ नम: शिवाय'' मंत्र का 108 बार जप करें। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और पुराना रोग भी दूर हो जाता है। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह लेते रहें।
पितृदोष होता है दूर
प्रदोष या त्रयोदशी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में भगवान महादेव का ध्यान करते हुए नहाने के पानी में काले तिल डालकर 'ॐ नम: शिवाय' का जप करते हुए स्नान करें। ऐसा करने से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और पितृ दोष भी दूर होता है।
परिवार में आती है सुख-समृद्धि
शुभ योग में गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी कष्ट दूर होते हैं। साथ ही इस दिन मछलियों को आटे की गलियां भी खिलानी चाहिए।
सभी परेशानी होती हैं दूर
प्रदोष या त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त रूप से पूजन करें और पूजा करते समय 'ॐ गौरी शंकराय नमः' मंत्र का भी जप कर करते रहें। ऐसा करने से सभी परेशानियां दूर होती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
प्रेम में आ रही बाधा होती है दूर
प्रेम में बाधा आ रही है तो भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कामदेव और रति का भी पूजन करें। शिवलिंग पर सफेद फूल, सफेद चंदन, 21 बेलपत्र अर्पित करें। इसके बाद सायंकाल के समय ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें। ऐसा करने से प्रेम में आ रही बाधा दूर होगी और शिवजी की कृपा भी मिलेगी।
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