नुस्ली वाडिया की हत्या का षड़यंत्र रचने के मामले में दो आरोपी बरी

मुंबई। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने उद्योगपति नुस्ली वाडिया की हत्या के षड़यंत्र से संबंधित 1989 के एक मामले में बृहस्पतिवार को दो आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष न्यायाधीश एस. पी. नाइक निंबालकर ने सबूतों के अभाव में आरोपी इवान सिकेरा और रमेश जगोथिया को बरी कर दिया।
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अभियुक्तों की ओर से पेश अधिवक्ता वाहान खान ने बताया, “अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है।” वर्ष 2003 में, अदालत ने चार व्यक्तियों कीर्ति अंबानी, अर्जुन बाबरिया, इवान सिकेरा और रमेश जगोथिया पर “बॉम्बे डाइंग के तत्कालीन अध्यक्ष वाडिया की हत्या की साजिश रचने” के आरोप तय किए थे। मुकदमे के दौरान कार्ति अंबानी और बाबरिया की मौत हो गई थी।
उल्लेखनी है कि 31 जुलाई, 1989 को कथित तौर पर कुछ व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के कारण वाडिया की हत्या की साजिश रचने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। महाराष्ट्र सरकार ने दो अगस्त, 1989 को मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दी थी और 2003 में मुकदमा शुरू हुआ था।
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