रुद्रपुरः मॉल में गनर, बाउंसर संग पहुंचा रसूखदार नाबालिग, मामला जानकर हो जाएंगे हैरान
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रुद्रपुर, अमृत विचार। नीली बत्ती और तीन स्टार लगी कार के साथ लग्जरी गाड़ियों का काफिला, गनर और बाउंसर के साथ वीआईपी की तरह मॉल में एंट्री। लेकिन कुछ ही देर में जब खरीदारी और खाने-पीने के पैसे देने को लेकर हंगामा शुरू हुआ तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया।
सिडकुल पुलिस की जांच में पोल खुली कि कार पर भारत सरकार लिखकर फर्जी नीली बत्ती और स्टार लगाकर घूम रहा यह रसूखदार शख्स कोई सरकारी अधिकारी नहीं बल्कि 16 साल का किशोर है, जो बरेली के एक बड़े व्यवसायी का पुत्र है। गनर और बाउंसर भाड़े के हैं। नाबालिग का चालान करने के साथ 15 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज सभी वाहन सीज कर दिए गए। दो गनर आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किए गए हैं।
पुलिस के अनुसार, यह घटनाक्रम मंगलवार को मेट्रोपोलिस मॉल का है। मॉल प्रबंधक देवी लाल ने सिडकुल पुलिस को सूचना दी कि एक किशोर उम्र का लड़का पांच लग्जरी गाड़ियों के काफिले, पांच बाउंसर, पांच गनर और नीली बत्ती व तीन स्टार लगे वाहन से शहर में घूम रहा है और मेट्रोपोलिस मॉल परिसर में दुकानदारों को पुलिसिया स्टाइल में धौंस दिखाकर हंगामा काट रहा है।
सूचना पर सिडकुल चौकी प्रभारी पंकज कुमार मॉल पहुंचे। पता चला कि यह किशोर और उसके साथ आए 15 लोगों में से कोई भी न तो भारत सरकार में अधिकारी है और न ही इन्हें केंद्र या राज्य सरकार से नीली बत्ती व पदनाम चिह्न लगाने की अनुमति है। जबकि इस तरह नीली बत्ती व तीन स्टार पुलिस या सेना के आला अधिकारी ही लगा सकते हैं।
चौकी प्रभारी ने बताया कि इस मामले में पीलीभीत के बकसपुर निवासी नरविंदर सिंह मिलख, मुरादाबाद के दादुपुर भोजपुर कपिल कुमार, मुरादाबाद के भैंसिया कटघर निवासी सलीम, लालू वाला भोजपुर निवासी सूरज दुबे, आसे अली, उस्मान, आदेश यादव, मेदनीपुर भोजपुर, गुरविंदर सिंह मलपुरी सितारगंज, हर्षदीप सिंह लेबर कॉलोनी फिरोजाबाद, मंदीप सिंह निवासी लुढार सितारगंज, कुवेंद्र पाल निवासी बसई थाना बरेली, जुगल किशोर निवासी प्रकाश नगर मुरादाबाद, प्रेम शंकर शर्मा निवासी शांति विहार बरेली, अवधेश कुमार मिश्रा निवासी नवादा शेवान बारादरी बरेली और शराफत निवासी मिरदान बकैनिया फरीदपुर बरेली के विरुद्ध संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
यूपी तक सीमित था शस्त्र लाइसेंस
चौकी प्रभारी के अनुसार, नाबालिग के साथ 5 गनर थे। इनके शस्त्र लाइसेंसों की जांच में सामने आया कि इनमें अवधेश मिश्रा व शराफत के लाइसेंसी हथियार को उत्तर प्रदेश की सीमा तक ही अनुमति थी। उत्तराखंड प्रवेश की कोई अनुमति नहीं थी। जिसके चलते दोनों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। वहीं, बाउंसरों को 1500 रुपये रोजाना, भोजन और रहने की व्यवस्था के साथ लाया गया था। बरेली से आने के दौरान इन्होंने टोल टैक्स भी नहीं दिया था।