भारत का रुख

भारत का रुख

रूस-यूक्रेन युद्ध शीत युद्ध की समाप्ति के बाद रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण वैश्विक संकट है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गुरुवार को रूस से यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने और अपनी सेना को वापस बुलाने की मांग करने वाला गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव पारित कर दिया। 141 देशों ने प्रस्ताव के समर्थन में मत डाला। सात देशों ने प्रस्ताव का विरोध किया।

भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन युद्ध के प्रस्ताव पर मतदान से स्वयं को अलग रखा है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के एक साल पूरा होने के मौके पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस प्रस्ताव को लाया गया था। जर्मनी की ओर से लाए गए प्रस्ताव में रूस से मांग की गई कि वो यूक्रेन से तुरंत अपनी सेना को वापस बुलाए।  इस युद्ध पर भारत का रुख विश्व में अकेला नहीं है।

भारत के अलावा चीन, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका समेत कुल 32 देशों ने मतदान नहीं किया। भारत ने पिछले 30 वर्षों में अमेरिका के साथ और सामान्य रूप से पश्चिम के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की है, जबकि रूस के साथ भी उसका मधुर संबंध बना रहा है। गत वर्ष यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के समय भी भारत ने किसी पक्ष के साथ खड़े होने की बजाय नागरिकों की हत्या की निंदा की और संयुक्त राष्ट्र में मतदान से अनुपस्थित रहा। साथ ही भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के उस प्रस्ताव से भी दूर रहा जिसमें यूक्रेन के विरुद्ध रूस की आक्रामकता की निंदा की गई थी। 

भारत यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प से भी अलग रहा। ध्यान रहे चीन की विस्तारवादी नीति और सीमाओं पर दुस्साहसिक कार्रवाई के परिदृश्य में भारत को एशिया में चीन के रणनीतिक एवं भू-आर्थिक खतरे से निपटने के लिए अमेरिका और रूस दोनों की आवश्यकता है। युद्ध के बीच अमेरिका लगातार भारत को अपना रुख रूस के खिलाफ करने की कोशिशों में लगा रहा।

पश्चिमी देशों ने इस बार भारत को अपना रुख बदलने के लिए मनाने की कोशिश की थी, लेकिन भारत अपनी स्थिति पर कायम रहा और लगभग सभी पिछले प्रस्तावों की तरह इस बार भी मतदान से बाहर रहा। भारत ने अब तक इस मामले में संतुलन बनाए रखा है। भारत ने हमेशा कूटनीतिक प्रयासों से शांति कायम रखने की वकालत की। यानि अंतर्राष्ट्रीय युद्ध संकटों के प्रति भारत की प्रतिक्रिया में स्वतंत्रता के समय से ही कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है।  

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