देश को बचाने के लिए व्यापक एकजुटता के साथ होगी निर्णायक लड़ाई लड़नी : माले महासचिव
पटना। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने आज कहा कि देश को बचाने के लिए व्यापक एकजुटता कायम कर एक निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी।
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भट्टाचार्य ने शनिवार को यहां भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के 11वें महाधिवेशन के अवसर पर श्री कृष्ण मेमोरियल हाॅल में ‘संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ’ राष्ट्रीय कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा कि आज जब संविधान और लोकतंत्र की बुनियाद खतरे में है, तो हम सबको देश को बचाने के लिए एक बहुत निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी और इसके लिए व्यापक एकजुटता कायम करनी होगी।
माले महासचिव ने कहा कि पहले दौर का आपातकाल आज के आपातकाल के सामने कुछ भी नहीं था। उस आपातकाल के दौरान बिहार से एक आवाज निकली थी। आज का आपातकाल स्थाई आपातकाल है। उन्होंने कहा कि आजादी के समय ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने कहा था कि भारत का संविधान मनुस्मृति है।
आज संविधान को सामने रखकर पूरे देश को तहस-नहस किया जा रहा है। हमारे सारे अधिकारों को हड़पा जा रहा है। नागरिकों की परिभाषा को बदलकर प्रजा में तब्दील किया जा रहा है। श्री भट्टाचार्य ने कहा, "हम सभी लोग अपने-अपने तरीके से कोशिश कर रहे है।
उन्होंने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा, नागरिकता आंदोलन का जिक्र किया और राजनीतिक बंदियों की रिहाई की मांग उठाते हुए कहा कि हम सबको मिलकर इस मुश्किल दौर का मुकाबला करना होगा। उन्होंने समाधान यात्रा की भागदौड़ के बीच समय निकालकर आने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया और कहा कि यह कन्वेंशन वर्ष 2024 के लिए देश को एक बड़ा संदेश देगा।
इस मौके पर माले राज्य सचिव कुणाल, ऐपवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रति राव, असम की चर्चित महिला नेता प्रतिमा इंगपी, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, कांग्रेस विधायक शकील अहमद, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, सत्यदेव राम, विनोद सिंह, धीरेन्द्र झा, संदीप सौरभ समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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