JNU: शिक्षकों का उत्सव अपर्णा सेन और रवीश कुमार की चर्चा के साथ संपन्न

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) का ‘‘जानबूझकर विश्वविद्यालय को गलत तरीके से पेश करने की कोशिशों’’ को असफल करने लिए आयोजित चार दिवसीय उत्सव रविवार को फिल्मकार अपर्णा सेन और पत्रकार रवीश कुमार के साथ राजनीति, पत्रकारिता और फिल्मों पर चर्चा के साथ संपन्न हो गया।
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चार दिवसीय उत्सव का उद्देश्य ‘‘टुकड़े टुकड़े’ विमर्श का मुकाबला करना था जिसका इस्तेमाल विद्यार्थियों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं की गलत छवि पेश करने के लिए किया जाता है। प्रख्यात फिल्मकार सत्यजीत रे की वर्ष 1984 में प्रदर्शित फिल्म ‘घरे बायरे’ की रीमेक अपर्णा सेन की फिल्म ‘घरे बायरे आज’ का जेएनयू कन्वेंशन सेंटर में प्रदर्शन करने के बाद सेन ने रवींद्रनाथ ठाकुर के उपन्यास के आधुनिक अंगीकार पर बातचीत की।
उत्सव की शुरुआत बृहस्पतिवार को हुई थी। रवीश कुमार ने राजनीति और पत्रकारिता पर चर्चा करते हुए कहा कि मीडिया घराने केवल ‘नाम के’ हैं और उनकी गुणवत्ता वह नहीं है जो मीडिया संगठनों की होनी चाहिए।
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