सत्याग्रह और देश की आजादी गांधी की देन : छोटेलाल
अमृत विचार, अयोध्या। सोमवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सीआरपीएफ ने नवीन मंडी स्थित शिविर में कार्यक्रम का आयोजन कर मौन रखकर महात्मा गांधी और आजादी के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 63 बटालियन सीआरपीएफ के कमांडेंट छोटेलाल ने कहा कि देश को आजादी दिलाने के बाद आज के ही दिन 30 जनवरी वर्ष 1948 में इनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। वर्ष 1949 से प्रत्येक वर्ष इनकी पुण्य तिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शहीद दिवस पर गांधी के साथ आजादी के लिए अपनी जान बलिदान करने वाले शहीदों की शहादत को याद किया जाता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रवाद के प्रमुख नेता एवं 20 वीं शताब्दी में अहिंसा के प्रचारक थे।
इन्होंने 1906 में पहली बार अफ्रीका में अहिंसक प्रतिरोध अर्थात सत्याग्रह किया और इस सत्याग्रह की सफलता ने उनको अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई तथा 1915 में भारत वापसी के कुछ ही वर्षों में एक राष्ट्रव्यापी संघर्ष के नेता बन,देश को स्वतंत्र कराने के लिए कई पदयात्रा,आंदोलन किया व कई बार जेल गए।भारत को स्वतंत्र कराने तक हार नहीं मानी।
कार्यक्रम में सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी सरकार राजारमन व अशोक कुमार शील, उप कमांडेंट अजय कुमार,सहायक कमांडेंट नीरज कुमार के साथ बटालियन के अधीनस्थ अधिकारियों ने गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया तथा सामूहिक रूप से दो मिनट का मौन रख सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सीआरपीएफ के अन्य जवान मौजूद रहे।
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