इमरजेंसी बेड में बढ़ोत्तरी से सुधरेंगी स्वास्थ्य सेवायें : प्रो.आरके धीमन

इमरजेंसी बेड में बढ़ोत्तरी से सुधरेंगी स्वास्थ्य सेवायें : प्रो.आरके धीमन

अमृत विचार,लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में आज देश का 74वां गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। संस्थान के निदेशक प्रो आर के धीमन ने परंपरागत तरीके से ध्वजारोहण किया। 

राष्ट्रगान के बाद उपस्थित संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए  प्रो आर के धीमन ने पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि संस्थान मे लगभग बीस वर्ष बाद संवर्ग पुनर्गठन हुआ है, जिसके अंतर्गत 2969 पदों पर शीघ्र ही भर्तियां भी की जायेगी। पदनाम भी बदले गये हैं और ट्रामा सेंटर मे अनेक पदों के वेतनमान में विसंगतियां थी, जिन्हें भी दूर किया गया है। फैकल्टी और नर्सिग पदों पर भर्तियो का कार्य भी चल रहा है ।

इमरजैंसी मेडिसिन और गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र के विषय में उन्होंने कहा कि इमरजेंसी बेड्स में 7 गुनी बढ़ोतरी से आकस्मिक सेवाओं में निसंदेह सुधार होगा। अभी यह 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत कार्य कर रहा है। नयी भर्तियो के होते ही यह पूर्णतया कार्य करने लगेगा। उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट को भी 3 प्रति सप्ताह से बढ़ाकर 8 से 10 प्रति सप्ताह करने पर बल दिया।

उन्होंने एडवांस पीडियाटिक सेंटर का भी उल्लेख किया। इस एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में 23 विभाग होंगे, जिसमें 125 संकाय सदस्य और 185 सीनियर रेजिडेंट की भी नियुक्ति की जाएगी। इस प्रकार बच्चों के लिए एक समानांतर अस्पताल होगा, जिसमें उनसे संबंधित सभी बीमारियों के लिए एक ही केंद्र होगा।

उन्होंने एडवांस डायबिटिक सेंटर के विषय में भी जानकारी दी, जिसमें  डायबिटीज से संबंधित हर बीमारी के लिए एक ही छत के नीचे समस्त उपचार सुविधाएं होंगी। यह सेंटर सितंबर माह तक कार्य करने लगेगा। हब और स्पोक मॉडल पर आधारित टेली आई सी यू के विषय में भी उन्होंने कहा कि पीजीआई और उत्तर प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजो के बीच में 200 बेड्स का टेली ICU भी एक बड़ी उपलब्धि है।

इस अवसर पर संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर गौरव अग्रवाल, संयुक्त निदेशक, प्रशासन, प्रोफेसर रजनीश कुमार सिंह, चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर वी के पालीवाल, executive registrar कर्नल वरूण बाजपेयी, संकाय अध्यक्ष प्रो एस पी अंबेष व अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे।

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