भागवत ने देशवासियों से नेताजी का अनुसरण करने का किया आह्वान

कोलकाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपनों को पूरा करने के लिए देशवासियों को कड़ी मेहनत करने की जरुरत पर जोर दिया।
भागवत ने सिटी हब (एस्पलेनैड) में प्रतिष्ठित शहीद मीनार (जो पहले ऑक्टरलोनी स्मारक के रूप में जाना जाता था) पर एक रैली को संबोधित करते हुए देशवासियों से नेताजी के आदर्शों पर चलकर उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का आह्वान किया।
उन्होंने आरएसएस और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विचारधाराओं के बीच समानताएं भी बताईं। उन्होंने कहा कि भारत को एक महान राष्ट्र बनाने के उनके दक्षिणपंथी संगठन (आरएसएस) और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लक्ष्य समान हैं।
इसबीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए देश के इतिहास में उनके अद्वितीय योगदान को याद किया।
Today, on Parakram Diwas, I pay homage to Netaji Subhas Chandra Bose and recall his unparalleled contribution to India’s history. He will be remembered for his fierce resistance to colonial rule. Deeply influenced by his thoughts, we are working to realise his vision for India.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2023
I bow down to pay my respects to the Greatest Freedom Fighter & Liberator of India; Netaji Subhas Chandra Bose on his 126th Birth Anniversary.#ParakramDivas. pic.twitter.com/7FhVMIRjb3
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) January 23, 2023
उन्होंने आज ट्वीट किया, आज पराक्रम दिवस पर, मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और भारत के इतिहास में उनके अद्वितीय योगदान को याद करता हूं। उन्हें औपनिवेशिक शासन के प्रति उनके उग्र प्रतिरोध के लिए याद किया जाएगा।
उनके विचारों से गहराई से प्रभावित होकर हम भारत के लिए उनके विचारों को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं। नेताजी की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भागवत ने सभी से नेताजी के गुणों को दिल से अपनाने और उनके अधूरे सपनों को साकार करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, सुभाष बाबू (नेताजी) पहले कांग्रेस से जुड़े थे और उन्होंने सत्याग्रह और आंदोलन’के मार्ग का अनुसरण किया, लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि यह पर्याप्त नहीं है और स्वतंत्रता संग्राम की आवश्यकता है तो उन्होंने इसके लिए काम किया। रास्ते अलग-अलग हैं लेकिन लक्ष्य समान हैं।
देशभक्त नेताजी की जयंती हर साल 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाती है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि उस समय कांग्रेस पार्टी और नेताजी के रास्ते अलग-अलग थे, लेकिन मंजिल एक ही थी। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के साथ भारत को एक महान राष्ट्र बनाने के आरएसएस के उद्देश्य को भी जोड़ा। भागवत ने कहा, “हमारे सामने सुभाष बाबू के आदर्श हैं जिनका हमें पालन करना है।
उनके जो लक्ष्य थे, वे हमारे लक्ष्य भी हैं। नेताजी ने कहा था कि भारत दुनिया का एक छोटा संस्करण है और भारत को दुनिया को राहत देनी है। हम सभी को इसी दिशा में काम करना है।” नेताजी को श्रद्धांजलि देते हुए, भारतीय जनता पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ट्विटर पर लिखा, “मैं महानतम स्वतंत्रता सेनानी और भारत के मुक्तिदाता, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी 126वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।