Video : परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का अनावरण किया।
PM Shri @narendramodi attends programme to name 21 islands of Andaman & Nicobar Islands after Param Vir Chakra awardees. #IndiaHonoursParamveers https://t.co/16NXyGhkeN
— BJP (@BJP4India) January 23, 2023
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, आज का दिन भारतीय सेना के तीनों अंगों के लिए महत्वपूर्ण दिन है। आज प्रधानमंत्री जी की ये पहल कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों को हमारे 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम के साथ जोड़कर उनकी स्मृति को चिरंजीव करने का प्रयास किया गया है। यह दुर्भाग्य रहा कि सुभाष जी को भुलाने का बहुत प्रयास किया गया लेकिन जो वीर होते हैं वो अपनी स्मृति के लिए किसी के मोहताज नहीं होते हैं। हमने सुभाष बाबू की कर्तव्य पथ पर मूर्ति लगाने का काम किया, उनकी जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाया।
अमित शाह ने कहा, सेल्युलर जेल महज एक जेल नहीं, आजादी की लड़ाई का एक बहुत बड़ा तीर्थ स्थान है। देश के इसी हिस्से को सबसे पहले स्वतंत्रता प्राप्त होने का सम्मान मिला और स्वयं नेता जी द्वारा तिरंगा फहरा कर यह सम्मान मिला। आज 21 द्वीपों को नाम नहीं दिया गया है बल्कि 21 वीरों के पराक्रम को नमन करते हुए 21 दीप जलने का काम प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया है।
अमित शाह ने कहा, पूरे विश्व में किसी भी देश ने अपने लिए लड़ने वाले जवानों के नाम पर अपने द्वीपों का नाम रख कर उनको सम्मानित करने का काम नहीं उठाया। आज भारत के प्रधानमंत्री जी की यह पहल जिसके तहत अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 बड़े द्वीपों को हमारे परमवीर चक्र विजेताओं के नाम के साथ जोड़ कर, उनकी स्मृति को जब तक यह पृथ्वी रहेगी तब तक चिरंजीव करने का प्रयास सेना का उत्साह बढ़ाएगा।
अमित शाह ने कहा, जब देश की आजादी आगे बढ़ी और देश को नेताजी ने आजाद हिंद फौज के प्रयास से आजाद कराने का प्रयास किया तब भी इसी हिस्से को देश में सबसे पहले स्वतंत्रता प्राप्त करने का सम्मान मिला और नेताजी के हाथ से इसी द्वीप पर अपना तिरंगा पहली बार लहराया गया।
पीएम मोदी ने कहा, अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। सेल्यूलर जेल की कोठरियों से आज भी अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ उस अभूतपूर्व जज़्बे के स्वर सुनाई पड़ते हैं। इन 21 द्वीपों को अब परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा। आज के इस दिन को आजादी के अमृत काल के एक महतपूर्ण अध्याय के रूप में आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी। हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे। मैं सभी को इसके लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा, जिन 21 द्वीपों को आज नया नाम मिला है, उनके इस नामकरण में भी गंभीर संदेश छिपे हैं। ये संदेश है -एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संदेश, देश के लिए दिए गए बलिदान की अमरता का संदेश, और भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य और पराक्रम का संदेश है। दशकों से नेताजी के जीवन से जुड़ी फाइलों को सार्वजानिक करने की मांग हो रही थी, यह काम भी देश ने पूरी श्रद्धा के साथ आगे बढ़ाया। आज हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं के सामने 'कर्तव्य पथ' पर नेताजी की भव्य प्रतिमा हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिला रही है।
पीएम मोदी ने कहा, अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। इस धरती पर पहली आजाद भारतीय सरकार का गठन हुआ था। इस सबके साथ अंडमान की इस धरती पर वीर सावरकर और उनके जैसे अनगिनत वीरों ने
देश के लिए बलिदानों की पराकाष्ठा को छुआ था। सेल्यूलर जेल की कोठरियों से आज भी अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ उस अभूतपूर्व जज़्बे के स्वर सुनाई पड़ते हैं।
पीएम मोदी ने कहा, अंडमान में जिस जगह नेता जी ने सबसे पहले तिरंगा फहराया था वहां आज गगनचुंबी तिरंगा आजादी हिन्द फौज के पराक्रम का गुणगान कर रहा है। समंदर किनारे लहराते तिरंगे को देख, यहां आने वाले लोगों में देशभक्ति का रोमांच बढ़ जाता है। ये काम देशहित में बहुत पहले हो जाने थे, क्योंकि जिन देशों ने अपने नायक-नायिकाओं को समय रहते जनमानस से जोड़ा... वो विकास और राष्ट्र निर्माण की दौड़ में बहुत आगे गए।
पीएम मोदी ने कहा,आज आजादी के अमृत काल में भारत यही काम कर रहा है, जी-जान से कर रहा है। जिन 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से इन द्वीपों को जाना जाएगा उन्होंने मातृभूमि के कण-कण को अपना सबकुछ माना था, उन्होंने भारत मां की रक्षा के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया था। वो अलग अलग राज्य से थे लेकिन मां भारती की अटूट भक्ति उन्हें जोड़ती थी... एक बनाती थी। जैसे समुद्र अलग अलग द्वीपों को जोड़ता है वैसे ही 'एक भारत - श्रेष्ठ भारत' का भाव भारत मां की हर संतान को एक कर देता है।
पीएम मोदी ने कहा, देश की सेनाएं देश के कण-कण की रक्षा में हमेशा तैयार रहती हैं। हर मौके और हर मोर्चे पर हमारी सेनाओं ने अपने शौर्य को सिद्ध किया है। ये देश का कर्तव्य था कि राष्ट्र रक्षा के अभियानों में स्वयं समर्पित करने वाले जवानों को व्यापक स्तर पर पहचान दी जाए। आज देश उस कर्तव्य को... उस जिम्मेदारी को पूरा करने का हर संभव प्रयास कर रहा है। आज जवानों और सेना के नाम से देश को पहचान दी जा रही है।
पीएम मोदी ने कहा, देश में पहले की सरकारों ने और खास कर विकृत वैचारिक राजनीति के कारण दशकों से जो हीनभावना और आत्मविश्वास की कमी रही उसके कारण देश के सामर्थ्य को हमेशा कम आंका गया। हमारे पूर्वोत्तर के राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीप जैसे हिस्सों को हमेशा ये सोच रही कि ये तो दूरदराज के दुर्गम और अप्रासंगिक क्षेत्र हैं ऐसी सोच के कारण ऐसे क्षेत्रों की दशकों तक उपेक्षा हुई और उनके विकास को नजरअंदाज किया गया। अंडमान-निकोबार द्वीप भी इसका साक्षी है।
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