अयोध्या: प्राचीन पद्धति से मंदिरों का होगा सौंदर्यीकरण
आकर्षक लाइटों से जगमगाएंगे मन्दिर, एडीए ने तैयार की डीपीआर
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अयोध्या, अमृत विचार। रामपथ पर बने एतिहासिक और प्राचीन मंदिरों के भवनों को अयोध्या विकास प्राधिकरण अब संरक्षित कर उन्हें फसाड के तर्ज पर तैयार करेगा। इसके लिए लगभग 12 मंदिरों को चिह्नित कर डीपीआर तैयार किया गया है। जल्द ही इन मंदिरों को प्राचीन पद्धति और आधुनिक लाइटों के माध्यम से सजाया और संवारा जाएगा।
अयोध्या में सआदतगंज से नयाघाट तक चल रहे सड़क चौड़ीकरण में कई एतिहासिक और प्राचीन मंदिरों के भवन को गिराया जा रहा है। बचे मंदिरों के भवनों के मुख्य द्वार और बाउंड्रीवाल का अयोध्या विकास प्राधिकरण की टीम सर्वे कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक जिसमें मुख्य रूप से फूलपुर मंदिर, तिवारी मंदिर, पुरुषोत्तम भवन, राजगोपाल मंदिर और नया मंदिर समेत अन्य मंदिरों को शामिल किया गया है। अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या क्षेत्र में आगे से दुकानों को हटाने के बाद बहुत से पुराने वास्तु कला के भवन प्राप्त हुए हैं। उनको पुन: संरक्षित करने के लिए उनकी प्राचीन कलाओं का रेनोवेशन किया जाएगा। इन भवनों को लाइटिंग के माध्यम से संवारा जाएगा, ताकि रात के समय नजारा भव्य लगे।
भवनों और दुकानों के लिए बनाई योजना
अयोध्या आने वाले लोगों को रामायण कालीन दृश्य दिखाई दे इसके लिए राम पथ पर नयाघाट से लेकर सआदतगंज तक बनने वाली दुकानों को भी फसाड मॉडल पर तैयार करने के लिए अब अयोध्या विकास प्राधिकरण ने डीपीआर तैयार कर लिया है। उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा कि सुनियोजित ढंग से रामपथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ की सड़कें बनाई जा रही हैं, जिसके दोनों तरफ फसाड के माध्यम से एक भव्य रूप दिया जाएगा। दुकानों पर भी फसाड के डिजाइन को एडीए के द्वारा मानक के द्वारा ही बनाया जाएगा।
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