प्रधानमंत्री पर लगाम लगी हुई है, वह चीजें संभाल नहीं पा रहे: राहुल गांधी

प्रधानमंत्री पर लगाम लगी हुई है, वह चीजें संभाल नहीं पा रहे: राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सत्तापक्ष पर देश में डर फैलाने का आरोप लगाया और यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर किसी की ‘लगाम’ लगी हुई है जिस वजह से वह चीजें संभाल नहीं पा रहे हैं। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अपनी शुरुआत के 108वें दिन शनिवार को देश की राजधानी में पहुंची।

इस मौके पर गांधी ने यह भी कहा कि देश के लोगों के बीच नफरत नहीं है, लेकिन टेलीविजन चैनलों पर हर समय ‘हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-मुस्लिम’ किया जाता है ताकि लोगों का ध्यान भटके और फिर सरकार जनता की जेब काटे। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने दो टूक कहा कि उसकी यह यात्रा ‘कोरोना के नाम पर सरकार के बहाना बनाने’ से रुकने वाली नहीं है, लेकिन अगर विशेषज्ञों की राय के आधार पर कोविड के संदर्भ में कोई प्रोटोकॉल तय होता है तो उसका वह पूरी तरह से पालन करेगी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में इस यात्रा ने शनिवार सुबह बदरपुर बॉर्डर के रास्ते दिल्ली में प्रवेश किया। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और उनके परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी इसमें शामिल हुए। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के अलावा मशहूर अभिनेता कमल हासन, बहुजन समाज पार्टी के सांसद श्याम सिंह यादव और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता टी सुमथि ने भी राहुल गांधी के साथ पदयात्रा की।

राहुल गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘जो मोहब्बत इनसे मिली है, वही देश से बांट रहा हूं।’’ यात्रा सुबह लगभग 10 बजे दक्षिणी दिल्ली में आश्रम चौक पहुंची जहां ‘जयराम आश्रम’ में राहुल गांधी और अन्य सभी ‘भारत यात्रियों’ ने कुछ देर विश्राम किया।

राहुल गांधी ने यहां सियाराम दरबार के दर्शन किए। अपराह्न लगभग एक बजे यह यात्रा फिर से शुरू हुई। राहुल गांधी हजरत निजामुद्दीन दरगाह भी गए और वहां चादर चढ़ाई। आज की पदयात्रा का समापन शाम को लाल किले के सामने हुआ। लाल किले के सामने एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘‘जब हमने यह यात्रा शुरू की तो सोच रहा था कि नफरत को मिटाने की जरूरत है।

मेरे दिमाग में था कि इस देश में सब जगह नफरत फैली हुई है। मगर जब मैंने चलना शुरू किया तो सच्चाई बिल्कुल अलग थी...सिर्फ टेलीविजन चैनलों पर 24घंटे हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-मुस्लिम चलाया जाता है।’’ उन्होंने दावा किया कि नफरत फैलाकर ध्यान भटकाया जाता है और हवाई अड्डे, बंदरगाह, सड़कें और देश की संपत्तियां ‘प्रधानमंत्री के मालिकों’ के हवाले कर दी जाती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई जेब काटता है तो पहले यह देखता है कि जिसकी जेब काटी जा रही है, उसका ध्यान भटक जाए। यही देश में हो रहा है कि ध्यान भटकाकर लोगों की जेब काटी जा रही है।’’ राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी और ‘गलत जीएसटी’ कोई नीतिगत निर्णय नहीं था, बल्कि किसानों और छोटे व्यापारियों को मारने का हथियार था। उन्होंने दावा किया, ‘‘जैसे प्रेस पर लगाम लगी हुई है वैसे ही हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री पर भी लगाम लगी हुई है।

उनकी गलती नहीं है, वह संभाल नहीं पा रहे हैं, कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं, उनको नियंत्रित कर दिया गया है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘यह मोदी की सरकार नहीं है, यह अडाणी-अंबानी की सरकार है।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने सीमा पर चीन के साथ तनाव को लेकर भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘चीन ने हमारी दो हजार वर्ग किलोमीटर जमीन हड़प ली। प्रधानमंत्री कहते हैं कि अंदर कोई नहीं आया। अगर कोई नहीं आया तो हमारे सेना ने उनकी सेना के साथ 21 बार बात क्यों की? कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘यात्रा को 108 दिन हो गए हैं। आज के बाद से दो जनवरी तक विश्राम रहेगा ताकि कंटनेर की मरम्मत हो सके। इसके बाद तीन जनवरी को यात्रा फिर से आरंभ होगी।’’

उन्होंने बताया कि राहुल गांधी रविवार सुबह ‘राष्ट्रीय स्मृति स्थल’ पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वह महात्मा गांधी की समाधि ‘राजघाट’, पंडित जवाहरलाल नेहरू के स्मारक ‘शांति वन’, इंदिरा गांधी की समाधि ‘शक्ति स्थल’ और राजीव गांधी की समाधि ‘वीर भूमि’ और लाल बहादुर शास्त्री की समाधि ‘विजय घाट’ भी श्रद्धांजलि अर्पित करने जाएंगे।

कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सरकार कोविड के बहाने राजनीति कर रहे हैं और यात्रा में अवरोध पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी चीज इस यात्रा को नहीं रोक सकती...अगर विशेषज्ञों की राय के आधार पर सरकार कोई प्रोटोकॉल तय करती है तो हम उसे मानेंगे। वैसे कोविड को लेकर सबसे पहले इस सरकार को हमने आगाह किया था।’’

कन्याकुमारी से सात सितंबर को शुरू हुई यह यात्रा अब तक नौ राज्यों-तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा से गुजर चुकी है। राहुल गांधी के नेतृत्व में की जा रही पदयात्रा ने अब तक लगभग 3000 किलोमीटर की दूरी तय की है।

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