अंग प्रत्यारोपण क्षेत्र में बीकानेर के महात्मा गांधी अस्पताल ने स्थापित किए कीर्तिमान

अंग प्रत्यारोपण क्षेत्र में बीकानेर के महात्मा गांधी अस्पताल ने स्थापित किए कीर्तिमान

बीकानेर। राजस्थान में जयपुर की महात्मा गांधी अस्पताल ने अंग प्रत्यारोपण क्षेत्र में अब तक कीर्तिमान स्थापित किए है। अस्पताल ने अपने 22 वर्ष में राजस्थान में अपनी विशेष पहचान बनायी है। अस्पताल में एक हार्ट, 45 लिवर, 1457 किडनी ट्रांसप्लांट की जा चुकी है। इसके लिए जनजागरुकता की आवश्यकता है।

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पब्लिक अवेयर हो तो अंग प्रत्यारोपण की उम्मीद में जीवन गुजार रहे मरीजों को आशा की एक नई किरण के रुप में अस्पताल एक नई राह दिखा सकता है। आर्गन ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में क्रांतिदूत बनकर समाज में जनजागरुकता पैदा करने की अपील के साथ आज यहां सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. वी.के.कपूर, लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. अजय शर्मा, हिपेटोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ.विवेक आनंद सारस्वत ने संयुक्त रुप से पत्रकारों को यह जानकारी भी दी।

अस्पताल के नामवर चिकित्सकों में शामिल डॉ. वी के. कपूर ने बताया कि लिवर की कुछ बीमारियों के लिए ट्रांसप्लांट ही एकमात्र इलाज है। लिवर सिरोसिस, लिवर फैलियर, लिवर कैंसर के भी कुछ मरीजों में ट्रांसप्लांट एक सफल इलाज है। ट्रांसप्लांट की सफलता दर 80 से 90 प्रतिशत है।

ट्रांसप्लांट से मरीज की क्वालिटी ऑफ लाइफ भी काफी इम्प्रूव हो जाती है। डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि पैनक्रियाज के कैंसर बहुत ही घातक कैंसर की श्रेणी में आता है। जो कैंसर ऑपरेशन नहीं हो पाते थे अब उनके लिए कीमो थैरेपी देकर ऑपरेशन करना आसान हो गया है। यह एक सक्षम इलाज हो गया है।

यह ऑपरेशन पहले बड़े चीरे से होता था, अब दूरबीन से संभव हो गया है। डॉ. विवेक आनंद सारस्वत ने कहा कि राज्य में महात्मा गांधी अस्पताल लिवर प्रत्यारोपण में अग्रणी है।, पहला कैडेबरिक लिवर ट्रांसप्लांट, पहला लिविंग लिवर डोनर ट्रांसप्लांट अस्पताल में ही हुआ और बीते 14 दिसम्बर को अपना 25 वां लिवर ट्रांसप्लांट किया। 

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