बरेली: भाजपा के पार्षदों पर दर्ज मुकदमे नहीं हुए वापस, चुनाव में बन सकते हैं बाधा

बरेली: भाजपा के पार्षदों पर दर्ज मुकदमे नहीं हुए वापस, चुनाव में बन सकते हैं बाधा

बरेली, अमृत विचार। चार साल पहले इंदिरा मार्केट में पोर्टेबल दुकानों के आवंटन के मामले में पार्षदों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं हो पाए हैं, जबकि नामजद सभी पार्षद भाजपा के हैं। पार्षदों ने मुकदमे वापस लेने के लिए कई स्तर पर वार्ता की। कुछ माह पहले  आए तो उनके साथ बैठक भी हुई लेकिन मसला हल नहीं हुआ और निकाय चुनाव आ गए। चुनाव की चर्चा के बीच पुराने केस में पुलिस भी सक्रिय हो गई है। 

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मामले की विवेचना जारी है और बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं। कुछ पार्षदों को बयान देने के लिए कोतवाली बुलाया गया तो वे आए नहीं। इससे विवेचना लंबित चल रही है। भाजपा की सत्ता में पार्टी के पार्षदों पर दर्ज मुकदमे वापस हो नहीं पाए हैं। यह नामजद पार्षदों के लिए चिंता का विषय है। वर्ष 2019 में पूर्व नगर आयुक्त सैमुअल पाल के कार्यकाल में मेयर और पार्षदों पर मुकदमे दर्ज हुए थे। 

मेयर के खिलाफ तत्कालीन पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान ने मुकदमा दर्ज कराया था लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने अपना मुकदमा वापस ले लिया। इसके एवज में वे कई वर्षों तक कई विभागों के प्रमुख बने रहे। पार्षदों को चिंता है कि अब फिर चुनाव आ गए हैं। चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार शपथपत्र में अपने ऊपर दर्ज मुकदमों का ब्यौरा भी लिखना पड़ेगा। दर्ज मुकदमे में कहा गया है कि 13 जून 2019 को नगर निगम परिसर में धारा 144 का उल्लंघन किया गया। सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की गई। नगर आयुक्त को तीन दिनों तक कार्यालय में नहीं बैठने दिया गया।

 आरोप है कि 14 जून को दोपहर में नगर निगम गेट पर नगर आयुक्त का पुतला बनाकर जूते-चप्पल व लाठी से मारने, पुतले पर थूकने का कृत्य निगम के जनप्रतिनिधियों ने किया। कार्यालय अधीक्षक आरपी सिंह ने मामले में 18 पार्षदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

इन पर दर्ज हुआ मुकदमा
महेश राजपूत, अतुल कपूर, विनोद कुमार, सतीश चन्द्र कातिब, अवनेश कुमार, छंगामल मौर्य, नरेश शर्मा बंटी, आरेन्द्र अरोरा, पार्षद पति अशोक गंगवार, चमन सक्सेना, महेश राजपूत, पूर्व पार्षद सीताराम रघुवंशी, अमित कुमार, मुनेन्द्र सिंह, दीपक सक्सेना, मुकेश सिंघल, अजय कुमार सिंह चौहान, अभिषेक सक्सेना व राजेन्द्र कुमार मिश्रा।

वहीं दूसरा मुकदमा उप निरीक्षक कोतवाली सतवीर सिंह पुंडीर ने दर्ज कराया था। उन्होंने मुकदमे में बताया कि वह 15 जून 19 को शांति व्यवस्था के लिए अयूब खां चौराहे पर मौजूद थे । तभी नगर निगम के पार्षद चौराहे पर आकर नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उन्हें धारा 144 लगी होने का हवाला दिया गया लेकिन वे नहीं माने। नगर आयुक्त के पुतले की शव यात्रा निकाली। बाद में उसे जलाया।

मामले में इन पर दर्ज है मुकदमा
मुनेन्द्र यादव, हरिओम, छंगामल, राजेन्द्र मिश्रा, चमन सक्सेना के पति अनुपम, राजकुमार, सतीश कातिब, विनोद सैनी, सीताराम सहित 8-10 पार्षद ।

विवेचना चल रही है। दुकानों के आवंटन का मामला है। कैसे आवंटन हुई। किसने कीं, क्या नियम था आदि कई बातों को पता करना है। साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। कुछ लोग मामले में बयान दर्ज कराने के लिए नहीं आ रहे हैं।-हिमांशु निगम, इंस्पेक्टर कोतवाली

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