प्रदेश में बिजली आपूर्ति बाधित हुई तो सख्त कार्रवाई होगी: हाईकोर्ट
ऊर्जा विभाग के अफसरों व हड़ताल करने वाले संगठन को हाईकोर्ट ने दी नोटिस

अमृत विचार लखनऊ। प्रदेश में अगर बिजली कर्मियों की हड़ताल के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हुई तो इस पर हाईकोर्ट सख्त कार्रवाई करेगा। हाईकोर्ट की इलाहाबाद पीठ ने मंगलवार को यह आदेश दिया। हाईकोर्ट ने ऊर्जा विभाग प्रबंधन व हड़ताल करने वाले विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति को नोटिस जारी करते हुए 16 दिसंबर को तलब किया है।
बता दें कि हड़ताल के दौरान इलाहाबाद व आस-पास के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संझान लिया था। इस प्रकरण में बिजली प्रबंधन को तलब किया गया था। हाईकोर्ट के प्रकरण में हस्तक्षेप के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की मौजूदगी में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ लिखित समझौता हुआ था। समझौते में ऊर्जा निगमों में अध्यक्ष व प्रबंध निदेशकों के पदों पर नियमानुसार नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने समेत विभिन्न लंबित मांगें पन्द्रह दिनों के भीतर पूरी करने का आश्वासन दिया गया था। इस कारण कर्मचारियों ने आंदोलन स्थगित कर दिया था। समझौते के तहत ऊर्जा मंत्री ने घोषणा की थी कि ऊर्जा निगमों में चेयरमैन व प्रबंध निदेशकों का आर्टिकल ऑफ एशोसियेशन के अनुरूप चयन समिति द्वारा चयन की प्रक्रिया शीघ्रातिशीघ्र सम्पन्न की जायेगी। मंगलवार को इस प्रकरण में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि अगर अब किसी भी तरह बिजली आपूर्ति बाधित हुई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आंदोलनकारी कर्मियों की बैठक, तय की रणनीति
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने मंगलवार को इस सिलसिले में बैठक की और हाईकोर्ट के आदेश पर चर्चा की। समिति ने 16 दिसंबर को सुनवाई में शामिल होने के लिए रणनीति तैयार की। बैठक में समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे, विद्युत मजदूर संगठन के अध्यक्ष आरवाई शुक्ला समेत अन्य नेता शामिल हुए।
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