ममता की मिसाल : मां ने किडनी देकर बेटे की बचाई जिंदगी

अमृत विचार, लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में शनिवार को गुर्दा प्रत्यारोपण (किडनी ट्रांसप्लांट) हुआ है। बेटे की जिंदगी बचाने के लिए मां ने अपनी किडनी देकर ममता की मिसाल पेश की।अभी कुछ दिन पहले ही केजीएमयू में चिकित्सकों की टीम ने लिवर और किडनी एक साथ ट्रांसप्लांट कर मरीज की जान बचाई थी।
हरदोई के संडीला निवासी 21 वर्षीय युवक को किडनी की गंभीर बीमारी थी। मरीज को लेकर परिजन केजीएमयू पहुंचे। केजीएमयू के नेफ्रोलॉजी विभाग में जांच के बाद चिकित्सकों ने गुर्दा प्रत्यारोपण की जरूरत बताई। जिसके बाद मां ने बेटे को गुर्दा ( किडनी ) देने का फैसला किया। डोनर की उम्र करीब 50 साल बताई जा रही है।
शनिवार को शताब्दी फेज - एक स्थित ओटी में गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए मां और बेटे दोनों को ले जाया गया। करीब 6 घंटे चले लंबे ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों की टीम ने गुर्दा प्रत्यारोपण में सफलता हासिल की है। मरीज व डोनर आईसीयू में भर्ती हैं। जिसकी निगरानी डॉक्टरों की टीम कर रही है।
गुर्दा प्रत्यारोपित करने वाली टीम में सीएमएस डॉ.एसएन शंखवार, प्रो.विश्वजीत सिंह,गेस्ट्रोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.अभिजीत चंद्रा एसजीपीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.नारायण प्रसाद समेत कई चिकित्सक शामिल रहे।