संभल: 44 साल के राजनीतिक सफर में मजबूती से डटे रहे बिजेंद्र पाल सिंह
पिता से विरासत में मिली राजनीति को तीसरी पीढ़ी तक रखा कायम- खुद सांसद व विधायक बने और फिर बेटी पिंकी को सौंपी पिता की विरासत
संभल, अमृत विचार। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री बिजेंद्र पाल सिंह यादव का शुक्रवार को निधन होने पर जिले के सपाइयों में शौक की लहर दौड़ गई। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। कांग्रेस और सपा में उनका राजनीतिक सफर 44 वर्ष का रहा। इस दौरान उन्होंने कई बार हार-जीत का सामना किया। लेकिन राजनीतिक में मजबूती से डटे रहे। हालांकि उन्हें पिता बिसन पाल यादव से राजनीति विरासत में मिली थी। उनके पिता 1957 में विधानसभा सदस्य रह थे। अब बिजेंद्र यादव की बेटी पिंकी यादव असमोली विधानसभा सीट से सपा की विधायक हैं।
एक जनवरी 1948 में मुरादाबाद जिले में रही बहजोई विधानसभा क्षेत्र के गांव फरीदपुर खुशहाल में उनका जन्म बिसन लाल यादव और राममूर्ति यादव के घर हुआ था। बिजेंद्र यादव ने अपना राजनीति सफर 32 वर्ष उम्र में शुरू किया था। 1980 में कांग्रेस की सरकार में वह पहली बार मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र का चुनाव लड़े और सांसद बने। सांसद रहे बिजेंद्र वर्ष 1985 में बहजोई विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। लेकिन वर्ष 1989 में दो बार बहजोई विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़े और हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस सरकार के कार्यालय के अंतिम दिनों उनको मंत्री बनाया गया। इसके बाद फिर 1991 में मंत्री रहते बहजोई विधानसभा सीट से जीतकर विधायक चुने गए। इसके बाद वह कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हो गए और 1993 में बहजोई विधानसभा सीट से उन्होंने पत्नी कुसुमलता यादव को सपा से चुनाव लड़ाया। लेकिन भाजपा के प्रत्याशी सतेंद्र ठाकुर के सामने कुसुमलता को हार का सामना करना पड़ा। फिर 1996 में बहजोई से ही खुद चुनाव लड़े और पूरे पांच साल विधायक रहे।
हालांकि 2002 में बसपा प्रत्याशी अकीलुर्रहमान से चुनाव हार गए। 2007 में उन्होंने अपनी बेटी पिंकी यादव को बहजोई विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया। जिसमें बसपा प्रत्याशी ने उन्हें हरा दिया। 2008 में विधान सभाओं के नए परिसीमन के बाद 2012, 2017, 2022 तक लगातार तीन बार पिंकी यादव असमोली विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं, जो मौजूदा विधायक हैं।
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