अयोध्या: निगरानी करेंगे काशी के तीन प्रकांड ज्योतिष व विद्वान

अयोध्या। प्रधानमंत्री कार्यालय से जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन को हरी झंडी मिलने के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विक्रम और अनुष्ठान की तैयारियों में जुटा है। वास्तु और वैदिक विधि विधान का भी किसी प्रकार से उल्लंघन न होने पाए। किसके लिए चिंतन और मंथन जारी है। …
अयोध्या। प्रधानमंत्री कार्यालय से जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन को हरी झंडी मिलने के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विक्रम और अनुष्ठान की तैयारियों में जुटा है। वास्तु और वैदिक विधि विधान का भी किसी प्रकार से उल्लंघन न होने पाए। किसके लिए चिंतन और मंथन जारी है। किसी चिंतन मंथन के तहत ट्रस्ट ने थोड़ी तब्दीली की है। अब भूमिपूजन अनुष्ठान को 11 वैदिक कर्मकांडी ब्राह्मणों के बजाय 14 विद्वानों की टीम संपादित कर आएगी। कर्मकांड और ज्योतिष के काशी के तीन प्रकांड विद्वान अनुष्ठान की मॉनिटरिंग करेंगे।
तीन दिवसीय भूमि पूजन अनुष्ठान के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बताया गया था कि विघ्न विनाशक गणेश की पूजा अर्चना के साथ शुरू होने वाले इस अनुष्ठान को संपन्न कराने के लिए वैदिक कर्मकांड के ज्ञाता 11 वैदिक ब्राह्मण विद्वानों को बुलाया जा रहा है। जो गणेश पूजा से लेकर रामाचा पूजन और भूमि पूजन अनुष्ठान को संपन्न कराएंगे। हालांकि अब विचार मंथन के बाद इसमें थोड़ी सी तब्दीली की गई है।
तीन दिवसीय अनुष्ठान को संपन्न कराने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या समेत देश के विभिन्न हिस्सों से 11 वैदिक कर्मकांड विद्वानों को आमंत्रित किया जा रहा है। काशी के तीन प्रकांड विद्वानों को निगरानी के लिए बुलाया गया है। हालांकि भूमि पूजन के दिन सुबह से ही होने वाले अनुष्ठान को प्रधानमंत्री के हाथों भूमि पूजन और नींव में नन्दा,भद्रा,जया,रिक्ता व पूर्णा नामक शिला ईंट रखे जाने तक का सारा अनुष्ठान इन्हीं की देखरेख में होगा।
राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के विधान को संपूर्ण बनाने के मद्देनजर अनुष्ठान तीन चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में सूर्यादि नौ ग्रह का आह्वान किया जाएगा, दूसरे चरण में इन्द्रादि प्रधान देवताओं एवं गंधर्वओं का आह्वान होगा और तीसरे चरण में महा गणपति पूजन के साथ भूमि पूजन किया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बुधवार को बताया गया कि अनुष्ठान के लिए काशी विद्वत परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ज्योतिषविद पंडित राम चंद्र पांडेय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष एवं विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पंडित विनय कुमार पांडेय तथा मंत्री राज नारायण 4 अगस्त की शाम अनुष्ठान में शामिल होने के लिए काशी से अयोध्या रवाना होंगे। भूमि पूजन के दिन 5 अगस्त को सुबह से ही सारे अनुष्ठान इन्हीं प्रकांड विद्वानों की देखरेख में संपादित कराया जाएगा।
चारों शंकराचार्य समेत राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए लाठी गोली खाने वालों को किया जाय आमंत्रित
बाबरी ध्वंस के आरोपी हिंदूवादी नेता संतोष दुबे का कहना है कि राम मंदिर निर्माण का अनुष्ठान सभी संपूर्ण होगा जब राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए लाठी गोली खाने वालों की शिरकत हो। ट्रस्ट और प्रधानमंत्री कार्यालय से मांग रखी कि 5 अगस्त को राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम में वर्ष 1992 के बाबरी ढांचा ध्वंस के सभी सीबीआई आरोपियों तथा देश के प्रमुख पीठों के चारों शंकराचार्य को आमंत्रित किया जाए।
कारसेवा के दौरान शहीद कारसेवकों के परिवार को भी कार्यक्रम में बुलाया जाए। संतोष दुबे का कहना है कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मंदिर निर्माण के लिए आयोजित अनुष्ठान तभी संपूर्ण माना जाएगा जब इसमें मंदिर आंदोलन के लिए संघर्ष करने वाले सभी लोगों की सहभागिता हो। परिसर स्थित बाबरी ढांचा का ध्वंस न हुआ होता तो आज जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ न हुआ होता। उन्होंने कहा कि अगर कारसेवा तथा संघर्ष में शामिल रहे लोगों को नहीं बुलाया जाता तो यह अहंकार का परिचायक होगा।