कानपुर : गंगा घाटों पर स्नान और पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, दीपदान से रोशन दिखेगा नजारा

अमृत विचार, कानपुर। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। वहीं, शहर के प्रमुख गंगा तटों पर आस्था का संगम देखने को मिलता है। इसी कड़ी में सोमवार को सुबह से ही बिठूर के साथ अटल घाट, सरसैया घाट, सिद्धनाथ घाट, परमट घाट समेत कई घाटों पर काफी …
अमृत विचार, कानपुर। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। वहीं, शहर के प्रमुख गंगा तटों पर आस्था का संगम देखने को मिलता है। इसी कड़ी में सोमवार को सुबह से ही बिठूर के साथ अटल घाट, सरसैया घाट, सिद्धनाथ घाट, परमट घाट समेत कई घाटों पर काफी संख्या में भक्त स्नान और दान करने के लिए पहुंचे। वहीं, मंगलवार को बिठूर से लेकर शहर के प्रमुख गंगा तटों पर दीपदान से घाट रोशन होने पर नजारा जगमग दिखेगा।
मंगलवार को चंद्र ग्रहण लगने के कारण ज्यादातर भक्त सोमवार की सुबह गंगा घाट पर पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई है। इसमें गंगा किनारे घाट पर तुलसी पूजन करके परिवार कल्याण और सुख-समृद्धि की कामना की। अटल घाट पर कई भक्तों ने साथ लेकर आए लड्डू गोपाल को भी गंगा स्नान कराया।
लक्ष्मी ने बताया कि प्रतिवर्ष परिवार सहित कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने के बाद दान पुण्य करते हैं। संध्याकाल में परमट घाट पर दीपदान करके सर्व कल्याण की प्रार्थना करते हैं। उन्होंने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा में स्नान करना विशेष फलदाई होता है, इसी दिन भगवान शिव ने राक्षस का संहार किया था।
इस दिन कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया गया था और राक्षस के वध के बाद सभी देवी देवता प्रसन्न होकर काशी आए थे और दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं। इसी कारण हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर दीपोत्सव मनाने की परंपरा है। मंगलवार का सूर्योदय पूर्णिमा तिथि में होगा। इसके चलते तीर्थ स्नान और दान भी इसी दिन सुबह जल्दी किया जाना शुभ रहेगा। क्योंकि शाम को होने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक सुबह 9.32 बजे से शुरू हो जाएगा। जिसमें स्नान पूजन और दान नहीं होगा।
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