बांदा : 13 माह 19 दिन की पारी खेलकर अनुराग आउट, दीपा रंजन बनीं नई जिलाधिकारी

अमृत विचार, बांदा । 13 माह 19 दिन की पारी खेलकर जिलाधिकारी अनुराग पटेल आउट हो गये। शासन ने फिलहाल अनुराग पटेल की कहीं तैनाती नहीं की है। उन्हें प्रतीक्षारत रखा गया है। उनके स्थान पर बदायूं डीएम 2013 बैच की आईएएस दीपा रंजन को जनपद का नया जिलाधिकारी बनाया गया है। लेकिन अल्पकाल में …
अमृत विचार, बांदा । 13 माह 19 दिन की पारी खेलकर जिलाधिकारी अनुराग पटेल आउट हो गये। शासन ने फिलहाल अनुराग पटेल की कहीं तैनाती नहीं की है। उन्हें प्रतीक्षारत रखा गया है। उनके स्थान पर बदायूं डीएम 2013 बैच की आईएएस दीपा रंजन को जनपद का नया जिलाधिकारी बनाया गया है। लेकिन अल्पकाल में जिलाधिकारी के रूप में अनुराग पटेल ने यहां की जनता के दिलों में जो अपनी जगह बनाई है, उन्हें जल्दी भुलाया नहीं जा सकेगा।
शासन ने शुक्रवार देर शाम सूची जारी करते हुए सूबे में छह आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर किया। इसमें बांदा के जिलाधिकारी अनुराग पटेल का भी नाम है। शासन ने फिलहाल उनकी कहीं नियुक्ति नहीं की है। उन्हें प्रतीक्षारत रखा गया है।आईएएस अनुराग पटेल ने यहां 16 सितम्बर 2021को जिलाधिकारी बांदा के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था।कार्यभार ग्रहण करने के फौरन बाद ही पीडब्ल्यूडी व अन्य विभागों में लगातार छापेमारी कर डीएम अनुराग पटेल ने अधिकारियों व कर्मचारियों को स्पष्ट कर दिया था कि उनके काम करने की कार्यशैली क्या है।
विधानसभा चुनावों के दौरान वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी ने स्लोगन दिया “वोट करेंगे-वोट करेंगे, 23.02 को वोट करेंगे” विधानसभा चुनाव में इस स्लोगन का असर भी साफ दिखा। आम मतदाता ने भी बढ़-चढ़कर मतदान किया। उनका जल संचय पर किया गया कार्य भी जनहित में रहा। यहां के लोगों ने पहली बार किसी उच्च पद पर आसीन व्यक्ति को जब तालाब से स्वयं जलकुंभी निकालते देखा तो दांतों तले उंगली दबा ली। उनके इन कार्यों से न सिर्फ जमकर सराहना हुई, बल्कि आम जनता के दिलों में वे उतरते चले गये। सूखे बुंदेलखंड की सूखी नदियों को पुनर्जीवन देने का बीड़ा उठाने के बाद जल संचय के लिये डीएम अनुराग पटेल को केंद्र सरकार के द्वारा “जल नायक सम्मान” से सम्मानित किया गया।
कलेक्ट्रेट में बैठकर जनता की समस्याओं को भी गंभीरता से सुनते और फौरी तौर पर निस्तारण के लिए भी आदेशित करते नजर आये। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने भी उनके प्रयासों को सराहा और पिछले सप्ताह ही उपमुख्यमंत्री के हाथों उन्हें श्रेष्ठ यूपी रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इसके बाद भी उन्हें प्रतीक्षारत रखे जाने की बात यहां के लोगों के हलक से नीचे नहीं उतर रही। शासन ने बदायूं में जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत 2013 बैच की आईएएस दीपा रंजन को बांदा का नया जिलाधिकारी बनाया है, जो मूलतः बिहार के बेगूसराय जिले से हैं। वे बेगूसराय जिले की प्रथम महिला आईएएस हैं।
जनपद बदायूं में उनकी पहली पोस्टिंग थी। आईएएस श्रीमती रंजन ने मसूरी से ट्रेनिंग के बाद अयोध्या में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, हापुड़ में चीफ डेवलपमेंट आफिसर, लखनऊ में एडीशनल हाउसिंग कमिश्नर के पदों पर अपनी सेवाएं दीं। वर्तमान में वे बदायूं में जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत थीं। जिलाधिकारी के रूप में कार्य करने का उनका अनुभव करीब 1 वर्ष 9 माह का है। वे कुशीनगर जिलाधिकारी रमेश रंजन की पत्नी हैं। 2016 में विवाह के बाद ही उन्होंने अपना नाम दीपा अग्रवाल से बदलकर श्रीमती दीपा रंजन कर लिया था।
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