सैलून में हेयर वॉश कराना पड़ा महंगा, ‘ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक’ की शिकार हुई महिला, जानिए इसके लक्षण

सैलून में हेयर वॉश कराना पड़ा महंगा, ‘ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक’ की शिकार हुई महिला, जानिए इसके लक्षण

तेलंगाना। हैदराबाद के एक सैलून में बाल धुलवाते समय 50-वर्षीय महिला को ‘ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम’ का सामना करना पड़ा है। महिला का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि गर्दन नीचे झुकाने के दौरान मस्तिष्क तक खून पहुंचाने वाली नस दबने से ऐसा हुआ। पार्लर में स्ट्रोक आने की ऐसी पहली घटना 1993 में …

तेलंगाना। हैदराबाद के एक सैलून में बाल धुलवाते समय 50-वर्षीय महिला को ‘ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम’ का सामना करना पड़ा है। महिला का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि गर्दन नीचे झुकाने के दौरान मस्तिष्क तक खून पहुंचाने वाली नस दबने से ऐसा हुआ। पार्लर में स्ट्रोक आने की ऐसी पहली घटना 1993 में अमेरिका में रिपोर्ट हुई थी।

हैदराबाद की एक 50 वर्षीय महिला को सैलून जाना एक बुरे सपने जैसा साबित हुआ। बाल कटवाने से पहले महिला को बाल धोने के दौरान दौरा पड़ा गया। महिला के डॉक्टर के अनुसार, उसे स्ट्रोक तब हुआ था, जब बाल धोते समय गर्दन झुकाने के कारण मस्तिष्क की आपूर्ति करने वाली एक महत्वपूर्ण रक्त वाहिका पर दबाव डल गया। महिला के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने ये जानकारी ट्विटर पर शेयर की और लिखा, एक ब्यूटी पार्लर में अपने बालों को शैम्पू से धोने के दौरान महिला को शुरू में चक्कर आए, उसका जी मिचलने लगा और उल्टी का अनुभव हुआ।

शुरुआत में, उसे एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के पास ले जाया गया, जिसने उसका उपचार किया। लक्षणों में सुधार नहीं हुआ, और अगले दिन चलने के दौरान उसे हल्का असंतुलन हो गया। उसे एक राय के लिए मेरे पास भेजा गया। उसे हल्के दाएं-अनुमस्तिष्क लक्षण थे। एमआरआई मस्तिष्क ने दाएं पश्चवर्ती अवर अनुमस्तिष्क क्षेत्र में एक रोधगलन का खुलासा किया। एमआर एंजियोग्राम में बाएं कशेरुक हाइपोप्लासिया की बात सामने आई। डॉक्टर ने आगे जानकारी दी कि शैम्पू से बाल धोते समय गर्दन को वॉश-बेसिन की ओर मोड़ने के कारण ऐसा हो सकता है। हालांकि इलाज के बाद महिला सही हो गई है।

ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम, का 1993 में अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में डॉ माइकल वेनट्राब ने सबसे पहले जिक्र किया था, जब पांच महिलाओं को हेयर सैलून में शैंपू के बाद गंभीर न्यूरोलॉजिकल लक्षण विकसित हुए थे। शिकायतों में गंभीर चक्कर आना, संतुलन की हानि और चेहरे का सुन्न होना शामिल था। पांच में से चार को स्ट्रोक का सामना करना पड़ा था। द गार्जियन ने 2016 में प्रकाशित एक लेख में ये छापा था।