बरेली: 10 साल पहले करंट ने हाथ छीना, सिस्टम की बेरुखी से संकट में जीवन

बरेली: 10 साल पहले करंट ने हाथ छीना, सिस्टम की बेरुखी से संकट में जीवन

अनूप गुप्ता, बरेली/नवाबगंज, अमृत विचार। करीब 10 साल पहले करंट ने इंद्रपाल का हाथ छीन लिया। तब उसने जीवन से हार नहीं मानी और परिवार के पालन पोषण के लिए लड़ता आया लेकिन उम्र बढ़ने के साथ उसकी शारीरिक क्षमता भी कम होने लगी। काम नहीं मिलने और कर्ज में डूबने से उसकी आर्थिक स्थिति …

अनूप गुप्ता, बरेली/नवाबगंज, अमृत विचार। करीब 10 साल पहले करंट ने इंद्रपाल का हाथ छीन लिया। तब उसने जीवन से हार नहीं मानी और परिवार के पालन पोषण के लिए लड़ता आया लेकिन उम्र बढ़ने के साथ उसकी शारीरिक क्षमता भी कम होने लगी। काम नहीं मिलने और कर्ज में डूबने से उसकी आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय हो गई कि उसके मन में परिवार के साथ आत्महत्या करने की बात पनप रही है।

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नवाबगंज ब्लॉक के गांव डंडिया फैजुल्ला के इंद्रपाल ने सीएम व जिलाधिकारी को पत्र भेजकर रोजगार दिलाने की गुहार लगाई है। पत्र में अपनी व्यथा भी लिखी, कहा कि बेरोजगार होने के चलते वह परिवार का पालन-पोषण नहीं कर पा रहा है। उसे रोजगार नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगा लेकिन जिम्मेदारों ने फिर भी ध्यान नहीं दिया। उसकी चेतावनी पर एलआईयू सक्रिय हो गई है और डीएम-एसएसपी को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत भी करा दिया है।

इंद्रपाल के परिवार में पत्नी हंसकली के साथ दो बेटियां (राधिका 6 वर्ष व चारू 2 माह ) है। इंद्रपाल और उसकी पत्नी इंटर पास हैं लेकिन हाथ से दिव्यांग होने से इंद्रपाल कोई काम नहीं कर पा रहा है। इससे उसकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। उसके पिता की आर्थिक स्थिति भी दयनीय है। इस वजह से इंद्रपाल के पास रोजगार करने के लिए पैसा नहीं है। इंद्रपाल अपने पिता के सबसे बड़े बेटे हैं। उससे छोटा भाई रविन्द्र कुमार, बहन हेमलता व किरन 22 हैं। इंद्रपाल से छोटे भाई-बहनों का अभी विवाह नहीं हुआ है। कर्ज के बोझ तले दबे परिवार को कर्जदारों के ताने सुनने के साथ ही बैंकों से लिए कर्ज को चुकाने के लाले पड़े हुए हैं।

पिता पर है लाखों रुपये का कर्ज
इंद्रपाल के पिता भगवान दास के नाम 30 बीघा भूमि थी जिसमें कर्ज के चलते 10 बीघा बेच दी बाकी बची भूमि पर लाखों का कर्ज है। भूमि विकास बैंक से लिया गया 4 लाख का कर्ज 12 लाख पहुंच चुका है जिसके चलते बैंक नीलामी का नोटिस जारी कर चुकी है।

10 साल पहले बिजली करंट के बाद कटा था हाथ
इंद्रपाल 2013 में उस समय घर के पास से गुजर रही 11 हजार केवी की लाइन की चपेट में आ गया जब वह अपनी छत पर टहल रहा था। टहलने के दौरान उसका सिर लाइन से टच हो गया। करंट लगने के बाद चले उपचार के दौरान उसका दाहिना हाथ काटना पड़ा था। इंद्रपाल के अनुसार उसके उपचार में उस समय एक लाख से अधिक रुपये खर्च हुए थे। जिसके क्लेम के रूप में बिजली विभाग से उसे 60 हजार रुपये की धनराशि मिली थी। इंद्रपाल को दिव्यांग पेंशन मिलने के साथ ही राशन मिल रहा है।

घर भी नीलामी का मिल चुका है नोटिस
इंद्रपाल ने बताया कि वह अपने पिता के साथ मकान में रह रहा है। प्रधान से सरकारी आवास को कहा था पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि उसने शौचालय बनवाने के लिए कहा, वह भी नहीं बना। इंद्रपाल ने बताया कि उसके पिता को भूमि विकास बैंक घर की नीलामी का नोटिस दे चुकी है। घर नीलाम होने के बाद पिता के साथ वही भी बेघर हो जाएगा।

दो साल से खराब हो रही फसल
इंद्रपाल ने बताया कि एक तो उसके पिता पहले ही कर्जे में डूबे हैं। दूसरे उन्होंने पिछले साथ कर्ज पर पैसा लेकर धान की फसल की। फसल तैयार हुई और काटते ही पानी बरस गया जिसमें धान पूरी तरह से खराब हो गया। इस बार भी कर्ज पर पैसा लगाकर धान की खेती पिता ने की और इस बार भी पानी बरस गया।

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