रामपुर: जौहर विवि में 24 घंटे के लिए हटा पुलिस बल, फिर कर दी गई नाकाबंदी

रामपुर, अमृत विचार। मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में 24 घंटे के लिए पुलिस बल हटा लेकिन, फिर नाकाबंदी कर दी गई है। इस बाबत कुलपति प्रो. मोहम्मद आरिफ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वह कभी भी यूनिवर्सिटी का निरीक्षण कर सकते हैं। मुख्यमंत्री की मार्गदर्शी …
रामपुर, अमृत विचार। मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में 24 घंटे के लिए पुलिस बल हटा लेकिन, फिर नाकाबंदी कर दी गई है। इस बाबत कुलपति प्रो. मोहम्मद आरिफ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वह कभी भी यूनिवर्सिटी का निरीक्षण कर सकते हैं। मुख्यमंत्री की मार्गदर्शी सलाह को अविलंब क्रियान्वयन किया जाएगा।
- विवि प्रशासन ने कहा कि पुलिस लगने से एक बार फिर भय का माहौल
- छात्र-छात्राओं की संख्या घटी, एडमिशन पर भी पड़ा है विपरीत प्रभाव
विश्वविद्यालय के सहायक रजिस्ट्रार द्वारा 22 अक्टूबर 2022 को जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया था। जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय परिसर और गेट पर पुलिस बल के तैनात रहने से प्रवेश के लिए आने वाले बच्चे कतराने लगे हैं और कैंपस में भय का माहौल बना हुआ है। जिसके कारण एडमिशन का वर्तमान समय में बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है और छात्र-छात्राओं की संख्या भी कम हो गई है। जिलाधिकारी को ज्ञापन देने के बाद 30 अक्टूबर को विश्वविद्यालय से पुलिस बल को हटा लिया गया था। लेकिन, 31 अक्टूबर और एक नवंबर की मध्यरात्रि से पुलिस बल विश्वविद्यालय के मुख्य गेट और परिसर में तैनात कर दिया गया है। एक नवंबर को कुलपति द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा गया है कि मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में दूर-दराज से छात्र-छात्राएं तालीम हासिल करने के लिए आते हैं। कहा गया है कि विश्वविद्यालय भी राज्य की धरोहर है और किसी भी समय स्वयं आकर विश्वविद्यालय का निरीक्षण कर सकते हैं। कहा कि मुख्यमंत्री की सलाह को अविलंब क्रियान्वयन किया जाएगा।
सहायक वित्त अधिकारियों के वाद वापस लेने की मांग
कुलपति ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में विश्वविद्यालय के सहायक वित्त अधिकारियों परवेज मियां और सलाउद्दीन रहमान पर वाद वापस लेने की मांग की गई है। कहा गया है कि परवेज मियां और सलाउद्दीन रहमान को पुलिस द्वारा आरोपित कर जेल में बंद कर दिया गया था। जिनकी रिहाई 15 अक्टूबर 2022 को जेल से हुई। दोनों वित्त अधिकारियों की गिरफ्तारी और जेल में होने के बाद छात्र-छात्राओं को नो ड्यूस नहीं मिल पाने से परीक्षाफल और डिग्री आदि नहीं मिल पाई। जिसके कारण छात्र-छात्राओं को अगली कक्षाओं में एडमिशन और अन्य छात्रों के बैक पेपर की परीक्षा भी स्थगित करना पड़ी। कहा गया है कि दोनों अधिकारी अच्छे स्वभाव एवं अच्छे परिवार से हैं और उनके ऊपर कोई वाद-विवाद का मामला नहीं है। मांग है कि दोनों अधिकारियों की विवेचना कराकर वाद वापस लिया जाए।
विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को नहीं मिला है दो माह से वेतन
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, प्रोफेसरों को नवरात्रि, दीपावली समेत तमाम त्योहारों पर दो माह से वेतन नहीं मिल पाया है। विश्वविद्यालय की गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने में सहायता मांगी गई है।
बनारस में हुए अधिवेशन के बाद एनईपी-2020 की गई लागू
कुलपति ने सात से नौ जुलाई 2022 के बनारस में हुए अधिवेशन का हवाला देते हुए लिखा है कि वाराणसी में आयोजित आल इंडिया शिक्षा समागम में उन्होंने भी भाग लिया था जहां पर एनईपी-2020 को लागू करने और आधुनिक शिक्षा पर विशेष चर्चा और मंथन शिक्षाविदों ने किया था। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था जिसमें मुख्यमंत्री ने भी भाषण दिया था। भाषण से सभी शिक्षाविद् लाभांवित हुए थे। जिसके बाद मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा शिक्षकों से परामर्श करके अविलंब नए सत्र में 12 विषयों में एनईपी-2020 लागू कर दिया गया है।
ये भी पढ़ें:- अमरोहा: शिया धर्मगुरु को कट्टरपंथियों की धमकी, कॉल करके कहा-अंजाम भुगतने को तैयार रहें