जांच का दायरा : अधिसूचित भूमि के भू उपयोग परिवर्तन की होगी जांच

जांच का दायरा : अधिसूचित भूमि के भू उपयोग परिवर्तन की होगी जांच

अमृत विचार, कानपुर। रिंग रोड के लिए अधिसूचित भूमि का भू उपयोग परिवर्तन कराने वाले किसानों को अब फर्जीवाड़ा महंगा पड़ेगा। साथ ही अधिसूचना को नजरअंदाज करके भू उपयोग करने वाले एसडीएम, कानूनगो और लेखपाल की मुश्किलें भी बढ़ेंगी। इस मामले की जांच कराने का निर्णय डीएम विशाख जी अय्यर ने लिया है। भू उपयोग …

अमृत विचार, कानपुर। रिंग रोड के लिए अधिसूचित भूमि का भू उपयोग परिवर्तन कराने वाले किसानों को अब फर्जीवाड़ा महंगा पड़ेगा। साथ ही अधिसूचना को नजरअंदाज करके भू उपयोग करने वाले एसडीएम, कानूनगो और लेखपाल की मुश्किलें भी बढ़ेंगी। इस मामले की जांच कराने का निर्णय डीएम विशाख जी अय्यर ने लिया है।

भू उपयोग परिवर्तन का आदेश भी रद किया जाएगा । भूमि पूर्व की भांति फिर से कृषि योग्य मानी जाएगी। यह खेल मुआवजा बढ़वाने के लिए किया गया था। खुलासे के बाद अधिकारी भी परेशान हैं। कानपुर, उन्नाव , कानपुर देहात के ढाई सौ से अधिक गांवों की भूमि पर रिंग रोड की स्थापना होनी है। इन गांवों की अधिसूचना जारी हो चुकी है।

पिछले साल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तत्कालीन परियोजना निदेशक ने डीएम को पत्र लिखकर भूमि की खरीद – बिक्री और भू उपयोग परिवर्तन पर रोक लगाने का आग्रह किया था। इसके बाद रोक लगा दी गई थी। इस बीच चोरी छिपे 27 किसानों ने कृषि योग्य भूमि को आवासीय में बदलने का खेल किया। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के सर्किल रेट या फिर बाजार रेट में जो अधिक होता है उसका चार गुना मुआवजा दिया जाता है।

कृषि योग्य भूमि का सर्किल रेट कम है यही वजह है कि किसानों ने भू उपयोग आवासीय करवा लिया। इन किसानों में रिंकी श्यामदासानी, मुकेश श्यामदासानी, कैलाशचन्द्र अग्रवाल, सुरेन्द्र बहादुर, किरन शाहू, धीरज गुलाटी, प्रदीप कुमार, पूनम, शैल कुमार, राजीव कुमार, नमिता अग्रवाल, रतनलाल गुप्ता, अंगना, फारूक हुसैन, मानवेंद्र सिंह, विजय कुमार, बल्लू सिंह, सुमित गुलाटी, ललिता जायसवाल, उमेश चंद्र आदि शामिल हैं। डीएम विशाख जी अय्यर ने बताया कि मामले की जांच एडीएम भू अध्याप्ति को सौंपी गई है। यदि ये भूमि हाईवे किनारे होगी तो कार्रवाई होगी।

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