दो साल तीन माह के बाद जेल की चार दीवारी से रिहा हुए थे आजम खान

दो साल तीन माह के बाद जेल की चार दीवारी से रिहा हुए थे आजम खान

अमृत विचार रामपुर। सपा के कद्दावर नेता आजम खां की मुसीबतें कई साल से लगातार बढ़ती रही हैं। उसी के चलते वह दो साल तीन माह के बाद 20 मई 2022 को सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। अब 27 अक्टूबर 2022 को भड़काऊ भाषण मामले में आजम खां को तीन साल की …

अमृत विचार रामपुर। सपा के कद्दावर नेता आजम खां की मुसीबतें कई साल से लगातार बढ़ती रही हैं। उसी के चलते वह दो साल तीन माह के बाद 20 मई 2022 को सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। अब 27 अक्टूबर 2022 को भड़काऊ भाषण मामले में आजम खां को तीन साल की सजा हो गई है। हांलाकि बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई,लेकिन कई और मामलों में सुनवाई चल रही है।

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सपा के फायर ब्रांड नेता मोहम्मद आजम खां ने सपा शासन काल में रामपुर में तमाम कार्य किए थे। उस समय लोग आजम खां को मिनी मुख्यमंत्री के नाम से भी पुकारते थे। लेकिन सपा सरकार जाने के बाद सूबे में आई भाजपा सरकार ने आजम खां और उनके परिवार पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था।

आजम खां पर भैंस, बकरी चोरी से लेकर दो-दो जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट मामले के अलावा अजीमनगर सहित शहर के विभिन्न थानों में लगभग 89 से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस ने विवेचना के बाद सभी मामलों में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिए हैं। जिसमें लगातार सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने आजम खां के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के साथ ही 82 की कार्रवाई भी की।

जिस पर 26 फरवरी 2020 को पूर्व सपा सांसद आजम खां ने अपनी पत्नी पूर्व शहर विधायक डा.तजीन फात्मा बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। कोर्ट ने तीनों को जेल भेज दिया। प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से तीनों को रातों- रात सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया था।

दो साल तीन माह के बाद 20 मई 2022 को आजम खां का सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हो गए थे। वह लगातार कई मामलों में कोर्ट में हाजिर हो रहे थे कोर्ट ने गुरुवार को आजम खां को पहले मामले में सजा सुनाई। हांलाकि बाद में जमानत मिल गई।

21 दिसंबर 2020 को डा.तजीन और 15 जनवरी 2021 को अब्दुल्ला को मिली जमानत
पूर्व सपा सांसद आजम खां को थोड़ी राहत जरूर मिली थी जब कोर्ट ने 21 दिसंबर 2020 को उनकी पत्नी और पूर्व शहर विधायक डा. तजीन फात्मा को जमानत पर रिहा कर दिया था। पूर्व शहर विधायक डा.तंजीन फात्मा को 26 फरवरी 2020 में अपने पति के साथ सीतापुर में बंद थीं।

लेकिन उन पर दर्ज 34 मुकदमों में जमानत मिलने के बाद 21 दिसंबर 2020 को उनको जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया। दस माह जेल में रहने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली थी। हांलाकि उनके पति और बेटा अब्दुल्ला जेल में रहे थे। इसके बाद कोर्ट ने अब्दुल्ला की जमानत 15 जनवरी 2021 को विधान सभा चुनाव से पहले हुई थी।

2019 में ही अब्दुल्ला की विधायकी रद्द करने का आया फैसला
पूर्व सांसद आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार से निर्वाचित हुए थे। नामांकन के वक्त उनकी उम्र को कम बताते हुए बसपा के प्रत्याशी नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने उनके निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्ला की विधायकी रद्द कर दी थी। हालांकि अब्दुल्ला ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

वर्ष 2019 में आजम के खिलाफ दर्ज हुए 70 मुकदमें
शहर विधायक आजम खां के खिलाफ वर्ष 2019 में सर्वाधिक 70 मुकमदें दर्ज हुए हैं। फिलहाल उन पर करीब 100 मुकदमें लंबित हैं। शहर विधायक आजम खां सक्रिय राजनीति में पिछले 43 साल से सक्रिय हैं। उनके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हुए थे। 2017 तक उनके खिलाफ 21 मुकदमे दर्ज थे।

इनमें से नौ मुकदमें सपा की पिछली सरकार में वापस ले लिए गए थे। छह मुकदमों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट और छह में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। आजम खां के खिलाफ सबसे अधिक 70 मुकदमें 2019 में दर्ज हुए हैं। वर्ष 2019 में आजम खां के खिलाफ आलियागंज के किसानों की जमीन कब्जाने के आरोप में 28, आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में 20 और यतीमखाना के लोगों के घर उजाड़ने के आरोप में 10 से अधिक मुकदमें दर्ज हुए थे।

इसके अलावा शत्रु संपत्ति की जमीन कब्जाने, सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर कब्जा करने, अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के साथ मारपीट और धमकी देने के आरोप में भी अलग-अलग थानों में कई मुकदमे 2019 में दर्ज हुए। इस तरह से आजम खां के खिलाफ अब तक लगभग 100 मुकदमे हैं।

भैंस-बकरी चोरी से लेकर जमीन कब्जाने तक के केस
शहर विधायक आजम खां पर पाजेब, बकरी, भैंस लूटने से लेकर सरकारी जमीन कब्जाने, नदी की जमीन पर कब्जा करने, शत्रु संपत्ति कब्जाने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, धोखाधड़ी, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, आचार संहिता उल्लंघन,अमर्यादित टिप्पणी करने सरीखी धाराओं में केस दर्ज हैं। डूंगरपुर प्रकरण को लेकर पुलिस ने मोहम्मद आजम खां पर षड्यंत्र रच डकैती, छेड़छाड़, धमकाने, मारपीट, गाली गलौज, तोड़फोड़, बलवा आदि के मुकदमें दर्ज किए हैं।

भू-माफिया घोषित किए जा चुके हैं आजम
जौहर विवि के लिए कूट रचित दस्तावेज तैयार कर शत्रु संपत्ति से लेकर नदी की जमीन तक पर कब्जा करने के आरोप में जिला प्रशासन द्वारा शासन के एंटी भू-माफिया पोर्टल पर आजम खां का नाम दर्ज कर उन्हें भू-माफिया घोषित किया जा चुका है।

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