लखनऊ: वर्कशॉप सुपरवाइजर के सेवानिवृति की उम्र पर विचार करने के आदेश

लखनऊ, अमृत विचार। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केजीएमयू प्रशासन को एक वर्क शॉप सुपरवाइजर के सेवानिवृति के उम्र पर विचार करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने विचार के लिए केजीएमयू को आठ सप्ताह का समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल सदस्यीय पीठ ने अरविंद कुमार निगम की याचिका पर …

लखनऊ, अमृत विचार। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केजीएमयू प्रशासन को एक वर्क शॉप सुपरवाइजर के सेवानिवृति के उम्र पर विचार करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने विचार के लिए केजीएमयू को आठ सप्ताह का समय दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल सदस्यीय पीठ ने अरविंद कुमार निगम की याचिका पर दिया। याची का कहना था कि वह केजीएमयू में फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन एंड आर्टिफिशियल लिंब सेंटर विभाग में वर्क शॉप सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था।

उसकी उम्र 60 वर्ष होने पर उसे 30 जून 2016 को सेवानिवृत कर दिया गया जबकि 23 अगस्त 2016 व 26 दिसम्बर 2016 के शासनादेश के अनुसार उसकी सेवानिवृति की उम्र 65 वर्ष होनी चाहिए क्योंकि उक्त शासनादेशों के द्वारा राज्य सरकार ने नॉन टीचिंग स्टाफ की उम्र सीमा को बढ़ाकर 65 वर्ष की जा चुकी है। कहा गया कि इस प्रकार उसे 30 जून 2024 को सेवानिवृत किया जाना चाहिए।

याचिका का विरोध करते हुए केजीएमयू की ओर से दलील दी गई कि उक्त शासनादेशों के तहत सिर्फ मेडिसिन स्पेशलिस्ट नॉन टीचिंग स्टाफ की ही सेवानिवृति की उम्र 65 वर्ष की गई थी। वहीं याची की ओर से कहा गया कि उसका काम भी मेडिसिन स्पेशलिस्ट जैसा ही है। इस पर न्यायालय ने केजीएमयू प्रशासन को याची के मुद्दे पर गौर कर निर्णय लेने का आदेश दिया है।

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