अयोध्या: बाढ़ विकराल, पलायन तेज, तीन तहसीलों के 26 गांव जलमग्न

अयोध्या, अमृत विचार। सरयू के रौद्र होते ही जिले में अचानक बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। हर घंटे दो सेंटीमीटर बढ़ रहा सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 73 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। जिले की तीन तहसीलों के 26 गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए …
अयोध्या, अमृत विचार। सरयू के रौद्र होते ही जिले में अचानक बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। हर घंटे दो सेंटीमीटर बढ़ रहा सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 73 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। जिले की तीन तहसीलों के 26 गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। एक ओर जहां लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है वहीं रेस्क्यू टीमें गांव खाली कराने में लगी हैं।
जिला प्रशासन ने बाढ़ राहत कार्य के लिए तीनों तहसीलों में एसडीएम के नेतृत्व में कुल 46 टीमें लगाई हैं। एसडीआरएफ की चार टीमों को अलग से लगाया गया है। सभी दस बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। प्रभावित गांवों से लोगों को निकालने के लिए नावें लगाई गई हैं।
पूराबाजार प्रतिनिधि के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के 17 गांव और वहां के करीब 1346 आबादी बाढ़ में फंसी है। प्रशासन ने फंसे लोगों को निकालने के लिए 27 नाव लगाई है। लोगों को भोजन व पशुओं के चारे का संकट भी गहरा गया है। दशरथ समाधि स्थल, मडना प्राथमिक विद्यालय, रामपुर पुआरी प्राथमिक विद्यालय, काजीपुर के ईशापुर में बाढ़ चौकी बनाई गई है लेकिन वहां व्यवस्था का अभाव है।
मड़ना प्राथमिक विद्यालय पर बने राहत केंद्र पर मौजूद लेखपाल मड़ना रामपाल ने बताया कि बाढ़ चौकी पर अभी तक कोई नहीं आया है। न ही प्रशासन की तरफ से यहां कोई इंतजाम है। यही हाल दशरथ समाधि स्थल, काजीपुर के ईशापुर, रामपुर पुआरी प्राथमिक विद्यालय बाढ़ राहत केंद्रों का भी है।
पहली बार दिखा बाढ़ का ऐसा रूप
सरयू नदी में आई बाढ़ से हर तरफ पानी ही पानी दिखाई देने लगा। पूराबाजार के बलुइया माझा के 82 वर्षीय राम अवतार और 80 वर्षीय नन्हकू कहते जिंदगी में पहली बार पानी का यह विकराल रूप देखा है। चारों तरफ तबाही का मंजर दिखाई पड़ रहा है। बाढ़ के पानी में फसल तो पहले ही डूब गई थी अब घर भी डूबने के कगार पर है। 52 वर्षीय रामदयाल और 48 वर्षीय राजकुमार कहते हैं बाढ़ का यह प्रलयकारी रूप देखकर अब डर लगने लगा है।
सोहावल – गोंडा सम्पर्क मार्ग टूटा, पानी में बहा
बाढ़ के पानी ने क्षेत्र में तबाही का मंजर ला दिया है। अयोध्या और गोंडा को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग के कटने से स्थिति और भी भयावह हो गई है। बाढ़ नियंत्रण बोर्ड द्वारा कटान रोकने के लिए बोल्डर न लगाए जाने से दोनों जिलों को जोड़ने वाला यह संपर्क मार्ग आधे से अधिक टूट कर बाढ़ के पानी में बह गया है। ढेमवा पुल को जोड़ने वाली गोंडा क्षेत्र की दो किमी सड़क में लगातार कटान जारी है। एसडीएम मनोज कुमार श्रीवास्तव व तहसीलदार पवन कुमार गुप्ता कर्मचारियों के साथ निरीक्षण को पहुंचे। गोंडा के बेंवदा कला, बेवदा मांझा कला से पलायन करने वाले 125 बाढ़ पीड़ितों को रौनाही गांव राहत केंद्र में रखा गया है। एसडीएम ने परिवारों के रहने व पशुओं के लिये चारे की उचित व्यवस्था करने का दिशा निर्देश दिया है। एसडीएम ने बताया कि बाढ़ ग्रस्त ग्राम मांझा कला का नाव से निरीक्षण किया गया। पीड़ितों को बाढ़ चौकी प्राइमरी विद्यालय कोट सराय केंद्र में रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाढ़ चौकी पर राजस्व विभाग स्वास्थ्य विभाग पशु चिकित्सा विभाग व पंचायत विभाग के कर्मचारी तैनात हैं। एंबुलेंस भी मौके पर उपलब्ध है।
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