नागपुर में RSS की ‘दशहरा रैली’, पहली बार महिला चीफ गेस्ट, भागवत बोले- मातृशक्ति की उपेक्षा नहीं की जा सकती
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत बुधवार को विजयादशमी समारोह में शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रूप में माउंट एवरेस्ट पर 2 बार चढ़ने वाली पहली महिला पर्वतारोही संतोष यादव उपस्थित रहीं। विजयादशमी के शुभ अवसर पर सरसंघचालक डॉ. मोहन …
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत बुधवार को विजयादशमी समारोह में शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रूप में माउंट एवरेस्ट पर 2 बार चढ़ने वाली पहली महिला पर्वतारोही संतोष यादव उपस्थित रहीं। विजयादशमी के शुभ अवसर पर सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और संतोष यादव ने शस्त्र पूजन किया। स्मृति मंदिर में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और संतोष यादव ने संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
#RSSVijayadashami2022 के अवसर पर स्वयंसेवकों द्वारा शारीरिक प्रदर्शन। मंच पर उपस्थित सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पद्मश्री संतोष यादव जी व अन्य अधिकारी गण। pic.twitter.com/dCxescMX1G
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नागपुर में विजयादशमी के शुभ अवसर पर सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पद्मश्री संतोष यादव जी ने किया शस्त्र पूजन। #RSSVijyadashami2022 pic.twitter.com/GOdbAfLmU5
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क्या कहा संतोष यादव ने ?
पर्वतारोही संतोष यादव ने कहा कि अक्सर मेरे व्यवहार और आचरण से लोग मुझसे पूछते थे कि ‘क्या मैं संघी हूं?’ तब मैं पूछती की वह क्या होता है? मैं उस वक्त संघ के बारे में नहीं जानती थी। आज वह प्रारब्ध है कि मैं संघ के इस सर्वोच्च मंच पर आप सब से स्नेह पा रही हूं। पूरे भारत ही नहीं, पूरे विश्व के मानव समाज को मैं अनुरोध करना चाहती हूँ कि वो आये और संघ के कार्यकलापों को देखे। यह शोभनीय है, एवं प्रेरित करने वाला है।
People used to ask me are you a Sanghi ? This was due to my behaviour. I didn’t know what Sangh is then. It is my "prarabdha that I am today here with you." – Smt. Santosh Yadav at #RSSVijayadashami2022 pic.twitter.com/DbMENyWfs2
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RSS Swayamsevaks organised path sanchalan in Nagpur on the auspicious occasion of Vijayadashmi.
RSS Sarsanghchalak Dr Mohan Bhagwat Ji and Chief Guest of #RSSVijayadashami2022 Padam Shri Santosh Yadav Ji are present. pic.twitter.com/7yu7k3T0nX
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क्या बोले मोहन भागवत?
मोहन भागवत ने कहा कि संघ के कार्यक्रमों में अतिथि के नाते समाज की महिलाओं की उपस्थिति की परम्परा पुरानी है।व्यक्ति निर्माण की शाखा पद्धति पुरुष व महिला के लिए संघ तथा समिति पृथक् चलती है। बाकी सभी कार्यों में महिला पुरुष साथ में मिलकर ही कार्य संपन्न करते हैं। 2017 में विभिन्न संगठनों में काम करने वाली महिला कार्यकर्ताओं ने भारत की महिलाओं का सर्वांगीण सर्वेक्षण किया, सर्वेक्षण के निष्कर्षों से भी मातृशक्ति के प्रबोधन, सशक्तिकरण तथा उनकी समान सहभागिता की आवश्यकता अधोरेखित होती है। रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका की सराहना हो रही है। दुनिया में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ी है। हमारी बात सुनी जा रही है।
RSS Sarsanghchalak Dr Mohan Bhagwat Ji, Chief Guest of #RSSVijayadashami2022 Padmashri Santosh Yadav Ji offered floral tributes to RSS Founder Dr Keshav Baliram Hedgewar Ji and Guruji Golwalkar at Smriti Mandir, Reshimbagh, Nagpur. pic.twitter.com/4KfHcmr1aM
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A view of some of the special guests attending #RSSVijayadashami2022 at Nagpur. pic.twitter.com/KY1AzXEpZU
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मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में हम स्वाबलंबी होते जा रहे हैं.. कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है। संघ के कार्यक्रमों में अतिथि के नाते समाज की महिलाओं की उपस्थिति की परम्परा पुरानी है।व्यक्ति निर्माण की शाखा पद्धति पुरुष व महिला के लिए संघ तथा समिति पृथक् चलती है। बाकी सभी कार्यों में महिला पुरुष साथ में मिलकर ही कार्य संपन्न करते हैं। मातृशक्ति की उपेक्षा नहीं की जा सकती है उनको भी सशक्त करना होगा। जगत जननी की कल्पना करते हैं। लेकिन उनकी सक्रियता को सीमित कर दिया.. फिर विदेशी आक्रमण हुए.. उन्हें बंधन में रखा गया है। एक तरफ घर में बंद करते हैं तो दूसरी तरफ जगत जननी की कल्पना करते हैं। दोनों अतिवादिताओं को छोड़कर मातृशक्ति को बराबरी के स्तर पर लाना होगा। निर्णय और कार्य में बराबरी की साझेदारी की जरूरत है।
मोहन भगवत ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने वाली नीति बननी चाहिए यह अत्यंत उचित विचार है, और नयी शिक्षा नीति के तहत उस ओर शासन/ प्रशासन पर्याप्त ध्यान भी दे रहा है: डॉ. मोहन भागवत जी नयी शिक्षा नीति के कारण छात्र एक अच्छा मनुष्य बने, उसमें देशभक्ति की भावना जगे, वह सुसंस्कृत नागरिक बने यह सभी चाहते हैं।
Yoga and exercises should be practised. Personal hygiene & social wellness habits should be developed. If people ignore all this and continue with their old habits and attitudes then which system can ensure health for all? – Dr Mohanji Bhagwat. #RSSVijayadashami2022 pic.twitter.com/NKdfGYxlPI
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मोहन भगवत ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने वाली नीति बननी चाहिए यह अत्यंत उचित विचार है, और नयी शिक्षा नीति के तहत उस ओर शासन/ प्रशासन पर्याप्त ध्यान भी दे रहा है। शासन व प्रशासन के इन शक्तियों के नियंत्रण व निर्मूलन के प्रयासों में हमको सहायक बनना चाहिए। समाज का सबल व सफल सहयोग ही देश की सुरक्षा व एकात्मता को पूर्णत: निश्चित कर सकता है। समाज के विभिन्न वर्गों में स्वार्थ व द्वेष के आधार पर दूरियाँ और दुश्मनी बनाने का काम स्वतन्त्र भारत में भी चल रहा है। उनके बहकावे में न फ़सते हुए,उनकी भाषा,पंथ,प्रांत,नीति कोई भी हो,उनके प्रति निर्मोही होकर निर्भयतापूर्वक उनका निषेध व प्रतिकार करना चाहिए।
मोहन भगवत ने कहा कि सनातन संस्कृति–मेरे भारत की पवित्र भूमि पर जन्मी है.हिमालय से लेकर सागर तक.इसलिए हम सब भारतीयों की जिम्मेदारी है कि सनातन संस्कृति उदघोष,इसका प्रचार पूरे विश्व में,पूरी जागृत अवस्था के साथ स्वयं अपनाएं और मानवकल्याण के लिए इसके प्रचार-प्रसार में जुटना चाहिए। जो सब काम मातृ शक्ति कर सकती है वह सब काम पुरुष नहीं कर सकते, इतनी उनकी शक्ति है और इसलिए उनको इस प्रकार प्रबुद्ध, सशक्त बनाना, उनका सशक्तिकरण करना और उनको काम करने की स्वतंत्रता देना और कार्यों में बराबरी की सहभागिता देना अहम है।
श्री विजयादशमी उत्सव I राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ,नागपुर महानगर I युगाब्द 5124 https://t.co/AsjNBSJgbm
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मोहन भागवत ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के साथ साथ पांथिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी महत्व का विषय है। जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती स्व हम सबको जोड़ता है। क्योंकि वह हमारे प्राचीन पूर्वजों ने प्राप्त किये सत्य की प्रत्यक्षानुभूति का सीधा परिणाम है। एक भूभाग में जनसंख्या में संतुलन बिगड़ने का परिणाम है कि इंडोनेशिया से ईस्ट तिमोर, सुडान से दक्षिण सुडान व सर्बिया से कोसोवा नाम से नये देश बन गये। जब-जब किसी देश में जनसांख्यिकी असंतुलन होता है तब-तब उस देश की भौगोलिक सीमाओं में भी परिवर्तन आता है। जन्मदर में असमानता के साथ-साथ लोभ, लालच, जबरदस्ती से चलने वाला मतांतरण व देश में हुई घुसपैठ भी बड़े कारण है।
मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने वाली नीति बननी चाहिए यह अत्यंत उचित विचार है, और नयी शिक्षा नीति के तहत उस ओर शासन/ प्रशासन पर्याप्त ध्यान भी दे रहा है: डॉ. मोहन भागवत जी #RSSVijayadashami2022 pic.twitter.com/UO3h7WABpr
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मोहन भागवत ने कहा कि जनसंख्या नीति सारी बातों का समग्र व एकात्म विचार करके बने, सभी पर समान रूप से लागू हो, लोकप्रबोधन द्वारा इसके पूर्ण पालन की मानसिकता बनानी होगी। तभी जनसंख्या नियंत्रण के नियम परिणाम ला सकेंगे। आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठन, स्थानीय स्वयंसेवकों ने 275 जिलों में स्वदेशी जागरण मंच के साथ मिलकर प्रयोग प्रारम्भ किया है। इस प्रारम्भिक अवस्था में ही रोज़गार सृजन में उल्लेखनीय योगदान देने में वे सफल हुए हैं ऐसी जानकारी मिल रही है।
मोहन भागवत ने कहा कि संविधान के कारण राजनीतिक तथा आर्थिक समता का पथ प्रशस्त हो गया, परन्तु सामाजिक समता को लाये बिना वास्तविक व टिकाऊ परिवर्तन नहीं आयेगा ऐसी चेतावनी पूज्य डॉ. बाबासाहब आंबेडकर जी ने हम सबको दी थी। रोज़गार मतलब नौकरी और नौकरी के पीछे ही भागेंगे और वह भी सराकरी। अगर ऐसे सब लोग दौड़ेंगे तो नौकरी कितनी दे सकते हैं? किसी भी समाज में सराकरी और प्राइवेट मिलाकर ज़्यादा से ज़्यादा 10, 20, 30 प्रतिशत नौकरी होती है। बाकी सब को अपना काम करना पड़ता है।
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