‘सीमा पार से आतंकवाद रोकें’, PAK पीएम के कश्मीर राग पर भारत का जवाब
न्यूयॉर्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वह पाकिस्तान और भारत के बीच शांति और अच्छे व्यवहार चाहते हैं। पीएम शहबाज अमेरिका में 77वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसी देश के साथ शांति चाहते हैं। लेकिन, शहबाज इस बीच कश्मीर मुद्दे …
न्यूयॉर्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वह पाकिस्तान और भारत के बीच शांति और अच्छे व्यवहार चाहते हैं। पीएम शहबाज अमेरिका में 77वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसी देश के साथ शांति चाहते हैं। लेकिन, शहबाज इस बीच कश्मीर मुद्दे को उठाने से पीछे नहीं हटे। उन्होंने कहा दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता जम्मू-कश्मीर विवाद के न्याय और स्थायी समाधान पर निर्भर है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए भारत ने कहा कि जो देश अपने पड़ोसियों के साथ शांति की चाह रखने का दावा करता है, वह कभी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा और मुंबई में 26/11 को हुए भयावह हमलों के साजिशकर्ताओं को पनाह नहीं देगा। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने 26/11 के हमलावरों के मुल्क में होने की जानकारी विश्व समुदाय के दबाव के बाद दी।
‘युद्ध कोई विकल्प नहीं है’
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है। भारत को दोनों देशों के जुड़ाव के लिए विश्वसनीय कदम उठाने चाहिए। हम पड़ोसी हैं और अब समय आ गया है। इसका चुनाव हमे ही करना है कि हम शांति से रहें या एक-दूसरे से लड़ते रहें। 1947 के बाद से हमने तीन युद्ध किए। इससे केवल दोनों तरफ दुख, गरीबी और बेरोजगारी बढ़ी है। अब यह हम पर निर्भर है कि हम अपने मतभेदों, समस्याओं और अपने मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत और चर्चा करके सुलझाएं। शरीफ ने कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा दी है, जिससे यह दुनिया का सबसे ज्यादा सैन्यीकृत क्षेत्र बन गया है।
‘सीमा पार आतंकवाद” को रोकना चाहिए’
वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत मिशन के प्रथम सचिव मिजिटो विनिटो ने कहा कि यह काफी खेदजनक है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए इस मंच को चुना। साथ ही कहा कि उन्होंने अपने ही देश में कुकृत्यों को छिपाने और भारत के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराने के लिए ऐसा किया है। विनिटो ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर पर दावा करने के बजाय इस्लामाबाद को ‘सीमा पार आतंकवाद’ को रोकना चाहिए। विनिटो ने पाकिस्तान में हिंदू, सिख और ईसाई परिवारों की लड़कियों के जबरन अपहरण, शादी और “पाकिस्तान के भीतर धर्मांतरण” की हालिया घटनाओं का भी जिक्र किया।
मिजिटो विनिटो ने शरीफ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘एक ऐसा देश, जो अपने पड़ोसियों के साथ शांति कायम करने का दावा करता है, वह कभी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा, न ही मुंबई के भयावह आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं को आश्रय देगा और उसने विश्व समुदाय के दबाव के बाद ही हमलावरों के मुल्क में होने की जानकारी सार्वजनिक की।’’ मिजिटो विनिटो ने कहा कि ऐसा देश पड़ोसी मुल्क की जमीन पर न तो अन्यायपूर्ण और अस्पष्ट दावा करेगा, न ही उसकी जमीन को कब्जे में लेने या उसे गैर-कानूनी तरीके से खुद में मिलाने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमने आज सिर्फ पड़ोसी के सबंध में ही झूठे दावे नहीं सुने हैं, बल्कि मानवाधिकार, अल्पसंख्यकों के अधिकार और मौलिक सुचिता के बारे में भी झूठ सुना है।’’
मिजिटो विनिटो ने कहा, ‘‘जब अल्पसंख्यक समुदाय की हजारों युवतियों का अपहरण एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) हो गया हो है तो उनकी मानसिकता को रेखांकित करने के लिए हम क्या आकलन करें?’’ भारत ने जोर देकर कहा कि वह भारतीय उपमहाद्वीप में शांति, सुरक्षा और प्रगति का इच्छुक है, जिसे मूर्त रूप दिया जा सकता है। भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘‘यह निश्चित तौर पर हो सकता है, अगर सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियां खत्म हों, सरकारें विश्व समुदाय और अपनी जनता के प्रति ईमानदार हों, अल्पसंख्यक समुदायों का उत्पीड़न न हो और सबसे अहम इस महासभा के समक्ष हम इन वास्तविकताओं को मान्यता दें।’’ पाकिस्तान ने इसके बाद भारत की टिप्पणी पर जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल किया।
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