नैनीताल: पाइंस में बनेंगे विद्युत और गैस चालित शवदाह गृह
नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के क्रम में नगर के पाइंस क्षेत्र में जल्द ही विद्युत शवदाह गृह का निर्माण किया जाएगा। साथ ही यहां गैस चालित शवदाह गृह भी बनाया जाएगा। इसके लिए नगर पालिका की ओर से पाइंस क्षेत्र की भूमि का सर्वे कर लिया गया है। अब शासन …
नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के क्रम में नगर के पाइंस क्षेत्र में जल्द ही विद्युत शवदाह गृह का निर्माण किया जाएगा। साथ ही यहां गैस चालित शवदाह गृह भी बनाया जाएगा। इसके लिए नगर पालिका की ओर से पाइंस क्षेत्र की भूमि का सर्वे कर लिया गया है। अब शासन से बजट की मांग की जाएगी। बजट मिलते ही जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
मालूम हो कि पाइंस क्षेत्र स्थित श्मशान घाट में अभी लकड़ी के माध्यम से ही दाह संस्कार किया जाता है।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक वर्मा ने बताया कि पाइंस में विद्युत शवदाह गृह और गैस शवदाह गृह बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए यहां सर्वे पूरा कर लिया गया है। यहां लकड़ी द्वारा दाह संस्कार की सुविधा भी यथावत रहेगी। कहा कि बरसात के समय शवों के दाह संस्कार में लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
आधुनिकतम शवदाह गृह बन जाने से लोगों को सुविधा होगी। साथ ही इनके अस्तित्व में आने से जल व वायु प्रदूषण कम होने के साथ ही जंगलों का दोहन भी कम होगा। बताया कि अगर विद्युत शवदाह गृह संचालित किया जाता है, तो एक एक शव का दाह संस्कार करने के लिए करीब 500 रुपये का खर्चा व एक घंटे का समय लगता है। लकड़ी से दाह संस्कार करने के लिए तीन से साढ़े तीन घंटे का समय लगता है।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिए ये यह निर्देश
मालूम हो कि बीती 25 अगस्त 2022 को हाईकोर्ट नैनीताल ने उत्तराखंड राज्य सरकार को प्रदेश के सभी नगर पालिका परिक्षेत्रों में एक विद्युत शवदाह गृह छह माह के भीतर स्थापित कर उसकी रिपोर्ट हर माह कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे। दरअसल, कोर्ट ने ज्वालापुर हरिद्वार निवासी ईश्वर चंद्र वर्मा द्वारा दायर एक एक जनहित याचिका पर सुनवाई की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना काल में हरिद्वार में शवों का दाह संस्कार करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो सकीं। याचिका में यह भी बताया था कि हरिद्वार के खड़खड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 साल पहले शवों का दाह संस्कार करने के लिए एक विद्युत शवदाह गृह लगाया गया था, जिसका संचालन अभी तक राज्य सरकार ने नहीं किया।