पीलीभीत: आढ़ती पर दर्ज FIR का विरोध… 24 घंटे में विवेचना लगभग पूरी

पीलीभीत, अमृत विचार। नौकरी का झांसा देकर गजरौला की युवती से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में घिरे आढ़ती को जनसमर्थन मिला और विरोध के साथ ही प्रकरण राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार तक पहुंचा तो पुलिस हरकत में आ गई। जिसके बाद जो पुलिस हत्या जैसी संगीन घटनाओं को महीनों बाद भी नहीं खोल पा रही …

पीलीभीत, अमृत विचार। नौकरी का झांसा देकर गजरौला की युवती से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में घिरे आढ़ती को जनसमर्थन मिला और विरोध के साथ ही प्रकरण राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार तक पहुंचा तो पुलिस हरकत में आ गई। जिसके बाद जो पुलिस हत्या जैसी संगीन घटनाओं को महीनों बाद भी नहीं खोल पा रही थी, उसी पुलिस ने एक्टिव होकर 24 घंटे में टीम बनाकर विवेचना लगभग पूरी कर ली। एसपी ने प्रेसवार्ता कर घटना के न होने के साक्ष्य मिलने की बात कही है। जिससे प्रकरण में फंसे व्यापारी को राहत मिलती दिखाई दी है। फिलहाल, जल्द ही विवेचना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

बता दें कि गजरौला थाना क्षेत्र की एक युवती की ओर से सुनगढ़ी थाने में शहर के आढ़ती और दो अज्ञात के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। युवती का आरोप था कि आढ़ती ने उसकी बैंक में नौकरी लगवाने का झांसा दिया और फिर कार में बैठाकर ले गया। इस दौरान मिठाई में नशा देने के बाद तीनों ने दुष्कर्म किया। पुलिस के मुकदमा दर्ज करने के बाद ही घटना का जमकर विरोध हुआ। मंडी समिति के आढ़तियों ने इस कार्रवाई को गलत बताते हुए मुकदमा निरस्त कराने की मांग की।

बुधवार को इसे लेकर दोपहर में मंडी समिति में बैठक कर गलत मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती पर कार्रवाई की मांग की गई। इधर, अग्रवाल समाज ने भी इस घटना का पुरजोर विरोध किया। व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष अनूप अग्रवाल ने इस प्रकरण को राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार के संज्ञान में डाला और जांच कराकर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की गई।

एक तरफ विरोध और दूसरी तरफ राज्यमंत्री के दखल के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। जिसके बाद सर्विलांस और साइबर सेल की टीम को लगाया गया। सीओ सिटी सुनील दत्त की अगुवाई में 24 घंटे के भीतर ही घटना से जुड़े तमाम साक्ष्य जुटाने का दावा किया गया। जिसमें घटना के न होने की बात फिलहाल पुलिस कह रही है। एसपी दिनेश कुमार ने प्रेसवार्ता कर अब तक हुई छानबीन में सामने आए नतीजों को बताते हुए इसका खुलासा भी कर दिया। उधर, शाम को भी अग्रवाल समाज के लोग एकत्र हुए और मुकदमा निरस्त कराने का सवाल उठाया।

तहरीर मिलने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया गया था। शासन की मंशा है कि अपराधी बचे नहीं और निर्दोष फंस न पाए। इसी को लेकर सीओ सिटी के निर्देशन में टीम लगाकर जांच कराई गई। सीडीआर और अन्य पड़ताल में प्रथम दृष्टया घटना नहीं होना पाया गया है। पीड़िता ने मेडिकल परीक्षण कराने से भी इनकार कर दिया। दोनों की लोकेशन अलग-अलग आई है। जल्द ही विवेचना का निस्तारण किया जाएगा— दिनेश कुमार, एसपी।

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