राकेश बलोदी रंगमंच-अभिनय में दिखाएंगे मुरादाबाद की धाक

आशुतोष मिश्र, अमृत विचार। दृष्टि लक्ष्य पर, शरीर की ऊंचाई सामान्य और दरम्याना चेहरा। अब संकल्प यह कि हम मुरादाबाद की नयी पहचान बनायेंगे। रंगकर्म और अभिनय में मुरादाबाद अपनी धाक दिखाएगा। इसके लिए प्रतिभाओं के संवारने का अभियान आगे बढ़ाएंगे। मुरादाबाद को अभिनय के क्षेत्र में चमकाएंगे। यह संकल्प है रंगमंच और थिएटर के …
आशुतोष मिश्र, अमृत विचार। दृष्टि लक्ष्य पर, शरीर की ऊंचाई सामान्य और दरम्याना चेहरा। अब संकल्प यह कि हम मुरादाबाद की नयी पहचान बनायेंगे। रंगकर्म और अभिनय में मुरादाबाद अपनी धाक दिखाएगा। इसके लिए प्रतिभाओं के संवारने का अभियान आगे बढ़ाएंगे। मुरादाबाद को अभिनय के क्षेत्र में चमकाएंगे। यह संकल्प है रंगमंच और थिएटर के प्रसिद्ध निदेशक राकेश बलोदी का। प्रसिद्ध अभिनेता पंकज त्रिपाठी के हाथों सम्मानित राकेश बलोदी ऊर्जा से भरे हुए हैं।
शनिवार को अमृत विचार से बातचीत में बलोदी आगामी यात्रा की सिलसिलेवार चर्चा करते हैं। शुक्रवार को लखनऊ में भारतेंदु हरिश्चंद्र की 172 की जयंती पर आयोजित समारोह में बलोदी को विशिष्ट निदेशक का पुरस्कार मिला है। उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग और भारतीयम नाट्य एकेडमी लखनऊ के साझा आयोजन में रंगमंच और नाटक निर्देशन में उल्लेखनीय योगदान के लिए तीन रेलकर्मी सम्मानित हुए हैं। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मूल निवासी बलोदी उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल मुख्यालय पर वेलफेयर इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। रंगमंच, अभिनय और कार्यशाला से इनका नाता पुराना है। 1990 में नाटक से जुड़े।
आरंभिक यात्रा बाल कलाकार के रूप में शुरू हुई। वर्ष 2006 में डिप्लोमाधारी कलाकार बन गए। हाल में इस एकेडमी ने प्रदेश से नवाजुद्दीन सिद्दीकी, राजपाल यादव सहित अन्य कलाकर दिए हैं। सांस्कृतिक कोटे में भारतीय रेल ने 2007 में सेवा का मौका दिया। नाटक, अभिनय और रंगमंच से गहरे जुड़े बलोदी ने विभागीय आयोजनों में नाटक क्रमश: होली, अरे शरीफ लोग, रोटी, भागवत अजुक्यम (संस्कृत) एवं अंग्रेजी के नाटक ये आदमी ये चूहे में विशेष योगदान के लिए सम्मानित हो चुके हैं। वर्ष 2019-20 में रेलवे की ओर से सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला था। 2017 में बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार खड़कपुर में मिला। भारतेंदु नाट्य एकेडमी लखनऊ से वर्ष 2004-2006 के पास-आउट बलोदी मुरादाबाद को उस क्षेत्र में आगे ले जाने में जुटे हैं।
वह कहते हैं कि रंगकर्म, रचनाधर्मिता और अभिनय मुरादाबादियों में रची बसी है। यहां की 20 से 25 सांस्कृतिक टोलियां देश-विदेश में रामलीला का मंचन करती हैं। इसलिए मुरादाबाद के लिए हमें विशेष प्रयास करने हैं। वर्तमान में हम 12 अभिनय के प्रशिक्षुओं को संवारने में जुटे हैं। लखनऊ में दूरदर्शन के धारावाहिक सीआईडी, अंतरराष्ट्रीय थिएटर फेस्टिवल कटक और 2006 में पुणे से टीवी फिल्मों के निर्देशन के लिए डिप्लोमा रखने वाले बलोदी रेलवे की ओर से आठ बार बेस्ट डायरेक्टर के रूप में सम्मानित हो चुके हैं। कहते हैं कि अब मुरादाबाद को रंगमंच, अभिनय और बड़े पर्दे के लिए नए सिरे से तैयार करूंगा।
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