दिल्ली आबकारी नीति: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली व पांच राज्यों में कई स्थानों पर ईडी की छापेमारी

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली और पांच राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में दिल्ली के …

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली और पांच राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा कुछ अन्य अधिकारी आरोपी हैं। इस नीति को हालांकि वापस ले लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में करीब 30 स्थानों की तलाशी ली जा रही है और मामले में नामजद लोगों के खिलाफ भी छापेमारी की गई है।

उन्होंने बताया कि इनमें से कोई भी स्थान सिसोदिया या किसी अन्य सरकारी कर्मचारी से संबद्ध नहीं है। संघीय एजेंसी ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मामले में जांच शुरू की। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में सिसोदिया और 14 अन्य को नामजद किया है।

सीबीआई ने 19 अगस्त को इस मामले में सिसोदिया, आईएएस (भारतीय प्रशासनिक अधिकारी) अधिकारी एवं दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्णा के आवास सहित सात राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 19 अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी। सिसोदिया के पास दिल्ली का आबकारी विभाग तथा शिक्षा विभाग सहित कई विभाग है। ईडी पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में जांच कर रही है।

दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी। उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया है। सिसोदिया ने भी नीति में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की थी।

दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियमावली-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी।

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