बरेली: शरीर में छिपे बैक्टीरिया ले रहे वन्यजीवों की जान, अध्ययन में खुलासा

बरेली: शरीर में छिपे बैक्टीरिया ले रहे वन्यजीवों की जान, अध्ययन में खुलासा

बरेली,अमृत विचार। चिड़ियाघर व वन्यजीव अभयारण्य में अचानक हो रही बाघ, चीते व लकड़बग्घों की मौत पर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान (आईवीआरआई) के वैज्ञानिकों की ओर से अध्ययन किया गया, जिसमें पता लगा कि इन वन्यजीवों की मौत में उनके शरीर में रहने वाले बैक्टीरिया का प्रभाव भी एक मुख्य कारण है। इस अध्ययन के …

बरेली,अमृत विचार चिड़ियाघर व वन्यजीव अभयारण्य में अचानक हो रही बाघ, चीते व लकड़बग्घों की मौत पर भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान (आईवीआरआई) के वैज्ञानिकों की ओर से अध्ययन किया गया, जिसमें पता लगा कि इन वन्यजीवों की मौत में उनके शरीर में रहने वाले बैक्टीरिया का प्रभाव भी एक मुख्य कारण है।

इस अध्ययन के लिए देश के विभिन्न चिड़ियाघर व अभयारण्य के 40 मृत शेर, चीता व लकड़बग्घों के सैंपलों पर अध्ययन किया गया। हालांकि, इस मामले की तह तक जाने के लिए आईवीआरआई के वन्यप्राणी उद्यान व बैक्टीरिया विभाग की ओर से संयुक्त अध्ययन भी किया जा रहा है।

संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक व विभागाध्यक्ष डा. भोजराज सिंह ने बताया कि इस अध्ययन के पीछे वन्य जीवों में हो रही मौतों के कारण का पता लगाना मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए पिछले 10 वर्षों में देश के विभिन्न चिड़ियाघर व वन्यजीव अभयारण्य की ओर से मृत वन्य जीवों के हृदय से खून के सैंपल लेकर लैब में जांच की गई। इनमें 30 सैंपल चिड़ियाघर व 10 सैंपल वन्य अभयारण्य से लिए, जिसमें 5 लकड़बग्घे, 9 शेर और 26 चीता के सैंपल शामिल हैं। सभी जांच के लिए आईवीआरआई लाए गए। जांच के दौरान पता लगा कि इन सैंपलों में 44 प्रजातियों के 135 बैक्टीरिया मौजूद हैं।

16 सैंपलों में मिले सुपरबग प्रजाति के बैक्टीरिया
अध्ययन के दौरान मिले बैक्टीरिया में 16 सैंपलों में सुपरबग प्रजातियों के बैक्टीरिया मिले हैं। ये इस प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं, जिन पर किसी भी एंटीबायोटिक असर नहीं करती है। जिस कारण ये बैक्टीरिया खतरनाक माने जाते हैं। इन 16 सैंपलों में 3 सैंपल वन्य अभयारण्य व 13 सैंपल चिड़ियाघर से लिए गए थे।

मृत वन्य पशुओं के सैंपलों में मिले ये बैक्टीरिया
इन सैंपलों के 5 सैंपलों में ई-कोलाई, 2 सैंपलों में एलेक्लेजनिज डीनाइट्रीफिकेंस, 2 सैंपलों में एलेक्लेजनिज फिकैलिस, एक सैंपल में एसिनोबैक्टर कैलको बैक्टीरिया मिला। वहीं, बैसिलस सीरियस, पैनीबेसिलस सेरेज, पेनटोइया एग्लोमंरास, स्यूडोमोनास एसजुनोजा, स्टाइलोकोकस एपिडर्मिइडिस, स्टाइलोकोकस इंटरमीडिएट, स्टेपट्रोकोकस निमोनी के एक-एक बैक्टीरिया मिले हैं।

शेरों व चीतों में बैक्टीरिया से होती हैं यह बीमारियां
वैज्ञानिकों के अनुसार इन बैक्टीरिया से शेर व चीतों में सेप्टीसिमिया, निमोनिया, गुर्दे का इन्फेक्शन, आर्गन फेलियर, लीवर का इंफेक्शन जैसी बीमारियां होती हैं।

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