बरेली: सांसों की ‘संजीवनी’ निकली बीमार, रिपोर्ट आते ही दवा की बिक्री रोकी

बरेली, अमृत विचार। बरेली के लोग सावधान…! कहीं आप बेअसर दवाएं तो नहीं खा रहे हैं। जी हां, सुनकर चौंकिए मत बल्कि यह 100 फीसदी सच है। हम आपको डरा नहीं रहे बल्कि आगाह कर रहे हैं। पिछले माह से सांस की बीमारी के मरीज जिस दवा को संजीवनी समझकर सेवन कर रहे थे, वह …
बरेली, अमृत विचार। बरेली के लोग सावधान…! कहीं आप बेअसर दवाएं तो नहीं खा रहे हैं। जी हां, सुनकर चौंकिए मत बल्कि यह 100 फीसदी सच है। हम आपको डरा नहीं रहे बल्कि आगाह कर रहे हैं। पिछले माह से सांस की बीमारी के मरीज जिस दवा को संजीवनी समझकर सेवन कर रहे थे, वह खुद ही बीमार पाई गई। पांच माह पूर्व लिए गए दवा के सैंपल की आई रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। जांच में दवा का सैंपल अधोमानक पाया गया है। रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने दवा की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।
शहर में दवा का बड़ा कारोबार होता है। इसकी आड़ में अधिक कमाई के लिए नकली और नशीली दवाओं का व्यापार भी करने से कारोबारी चूकते नहीं हैं। इसके खुलासे भी कई बार हुए हैं, लेकिन इस सबके बीच पांच माह पूर्व ड्रग विभाग ने प्रेडनिसोलोन (सांस के मरीजों को दी जाने वाली दवा) का सैंपल लेकर जांच के लिए विज्ञान विधि प्रयोगशाला को भेजा था। मार्च में भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट अभी हाल में ही आई है। रिपोर्ट में दवा का सैंपल फेल पाया गया है।
मसलन, सांस की दवा अधोमानक पाई गई है। जानकारों के अनुसार, रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि पिछले पांच माह से मरीज सांस की बेअसर दवा का सेवन कर रहे थे। रिपोर्ट आने के बाद ड्रग विभाग ने उस दवा की बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए विक्रेता से लिखित में जवाब लिया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई विभाग ने शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश की है कंपनी
ड्रग इंस्पेक्टर विवेक कुमार ने बताया कि जिस प्रेडनिसोलोन दवा का सैंपल फेल पाया गया है, उसकी निर्माता कंपनी एजेंस लाइफ लाइंस कालांब सिरमौर हिमाचल प्रदेश में है। दवा का सैंपल शहर के शास्त्री नगर में एक दवा विक्रेता की दुकान से लिया गया था।
लखनऊ से खरीदा था दवा का स्टॉक, नोटिस जारी
शास्त्रीनगर के दवा विक्रेता ने लखनऊ के एक दवा के बड़े व्यवसायी से प्रेडनिसोलोन दवा खरीदी थी। दुकानदार ने लिखित जवाब में इस बात का जिक्र किया है। 20 अगस्त को ही ड्रग इंस्पेक्टर ने लखनऊ के दवा कारोबारी को नोटिस भेजकर पूरे मामले में जवाब मांगा है। अब विभाग नोटिस के जवाब का इंतजार कर रहा है।
तो कौन है जिम्मेदार
दवा का सैंपल फेल होने के बाद भले ही विभाग ने उसकी बिक्री पर रोक लगा दी हो, लेकिन सवाल यह है कि सैंपल लेने के बाद और पहले तक जो दवा बाजार में बिकती रही। लोग खरीदकर सेवन करते रहे, इसका जिम्मेदार काैन होगा। वे ताे पूरे मामले से अनभिज्ञ ही रहे। इस सवाल पर ड्रग इंस्पेक्टर भी चुप्पी साध जा रहे हैं। उनका तर्क है कि सैंपल लेने के बाद आई रिपोर्ट के आधार पर ही वह कार्रवाई करेंगे।
यह हैं अनसुलझे सवाल
- अब तक कितने लोगों ने इस दवा को खरीदकर सेवन किया होगा
- कब से इसकी बिक्री शहर में हो रही थी
- दवा के सेवन से होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा
प्रेडनिसोलोन दवा का सैंपल फेल पाया गया है। दवा अधोमानक पाई गई है। दवा विक्रेता से लिखित में जवाब लेने के बाद लखनऊ के व्यापारी को 20 अगस्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। दवा की निर्माता कंपनी हिमाचल प्रदेश की है। इस मामले में कम से कम तीन साल की सजा का प्रावधान है। जुर्माना भी लगेगा। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है—विवेक कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर।
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