कानपुर में वक्फ संपत्तियों पर तनीं इमारतें, बिल्डरों ने कमाए करोड़ों; बकरमंडी में वक्फ किए गए कई कब्रिस्तानों को हजम कर गए
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कानपुर, अमृत विचार। वक्फ संशोधन बिल आने के बाद चमनगंज, बेकनगंज, कंघी मोहाल, कर्नलगंज समेत घनी आबादी के कई बिल्डरों में हड़कंप मचा है। इनमें कई बिल्डर ऐसे हैं जिन्होंने वक्फ की जायदाद औने पौने लेकर करोड़ों के वारे न्यारे किये हैं। कानपुर के घनी आबादी में अभी तक बिल्डर की पहली प्राथमिकता यही रही है कि उन्हें कोई वक्फ की औने पौने जमीन मिल जाए। ऐसी जमीनों की कीमत करोड़ों में है लेकिन इन जमीनों को 40 से 50 लाख में खरीदकर किराएदारों को 5 से 10 लाख रुपये देकर खाली करा लेते हैं।
उसके बाद इन जमीनों पर 6 से 8 मंजिल तक बहुमंजिली इमारतें बनवा देते हैं। इन फ्लैट को जो लेता है, उससे पगड़ी (एडवांस) के नाम पर 20 से 25 लाख रुपये ले लिए जाते हैं, लेकिन उसके नाम रजिस्ट्री नहीं होती है बल्कि उसे किराएदारी की रसीद दे दी जाती है।
यानी 4 कमरे का फ्लैट है तो लेने वाले को 500 से 1000 रुपये तक किराया देना होता है, ऐसे लोगों को 4 कमरे का फ्लैट, गाड़ी खड़ी करने के लिए अलग गैरेज मिल जाता है। बकरमंडी में डेढ़ दर्जन से अधिक कब्रिस्तान हैं। जिनमें आधा दर्जन कब्रिस्तान ऐसे हैं जहां घनी आबादी हो गई। अब इन कब्रिस्तान में हजारों कच्चे पक्के मकान बन चुके हैं।
लाखों लिए और दे दिया कब्जा
वक्फ संपत्तियों का खेल देखिए। ऐसी संपत्ति पर जिसका कब्जा होता है, वह लाखों रुपये लेने के बाद दूसरे को कब्जा दे देता है और जब वह छोड़ता है तो तीसरे से ज्यादा पैसे लेकर सौंप देता है। ये प्रक्रिया वर्षों से चली आ रही है। अगर इसकी जांच हुई तो कोई नहीं बता पाएगा कि ये जमीन किसकी है क्योंकि एक एक प्रापर्टी 25-25 बार ट्रांसफर हुई है।