लोककहानी : नेकी का बदला बदी होता है !
राजेन्द्र रंजन चतुर्वेदी जंगल में आग लग गई थी। सांप झाड़ी में था और भागने की कोशिश कर रहा था, आदमी उधर से निकला तो उसने लाठी से उसे झाड़ी में से हटा दिया! सांप लाठी के सहारे चढ़ा और आदमी के गले से लिपट गया। फुफकारने लगा ! आदमी ने कहा कि-‘भाई, मैंने तो …
- राजेन्द्र रंजन चतुर्वेदी
जंगल में आग लग गई थी। सांप झाड़ी में था और भागने की कोशिश कर रहा था, आदमी उधर से निकला तो उसने लाठी से उसे झाड़ी में से हटा दिया! सांप लाठी के सहारे चढ़ा और आदमी के गले से लिपट गया। फुफकारने लगा !
आदमी ने कहा कि-‘भाई, मैंने तो तुम्हें आग से बचाया था और तुम मुझ पर ही फुफकार रहे हो ?’
‘तुम फुफकार की बात कर रहे हो, मैं तुम्हें काटे बिना नहीं मानूँगा ।‘ साँप बोला !
‘क्यों भाई ऐसा क्यों ? नेकी के बदले बदी ?’
हां, नेकी का बदला तो बदी ही होता है ! तुम पंचों से पूछ लो ! ठीक है भाई
बुड्ढी भैंस मिली ! सांप ने पूछा कि “भैंस, भैंस ! तुम मेरी पंच, फैसला करो । बतलाओ नेकी का बदला बदी होता है कि नहीं ?”
बुड्ढी भैंस बोली ‘बिल्कुल होता है, आदमी ऐसा ही तो करता है, जब तक मैं दूध देती रही, तब तक तो आदमी ने मेरी खातिरदारी की अब उसने मेरी नेकी बदला दिया कि मुझे जंगल में छोड़ गया। तुम बचाने वाले इस आदमी को काट लो ! नेकी का बदला बदी होता है !
सांप, आदमी और भैंस बरगद के पास गये “बरगद बरगद भैया, फैसला करो। बतलाओ नेकी का बदला बदी होता है कि नहीं ?”
बरगद बोला- बिल्कुल होता है, आदमी ऐसा ही तो करता है, एक बरात इधर से निकल रही थी, मूसलाधार पानी बरसने लगा मैंने उन सब बरातियों को शरण दी। जब पानी बरसना बन्द हो गया तो उन्होंने अपने हाथी के लिये मेरी डाल और पत्तों को काटा और मुझे बेहाल कर दिया। तुम बचाने वाले इस आदमी को काट लो ! नेकी का बदला बदी होता है !
और आगे बढ़े ! आदमी मिला !
“आदमी आदमी ! तुम हमारे पंच हो, फैसला करो। बतलाओ नेकी का बदला बदी होता है कि नहीं ?”
आदमी बोला-बात समझ में नहीं आई, पहले यह बताओ कि तुम किस तरह थे और आदमी किस तरह खड़ा था ?
आदमी ने दो गोले बनाए, क्या तुम इतनी दूरी पर थे ?
सांप ने कहा कि इससे भी अधिक दूरी थी !
उस पंच ने दूर-दूर गोले बना कर कहा कि अब तुम लोग वैसे ही खड़े हो जाओ !
आदमी और सांप उन गोलों में खड़े हुए। पंच ने कहा कि अब तुम दोनों अपने आप फैसला कर लो ।
सांप आदमी को काटने दौड़ा और आदमी ने लाठियों से पीट कर उसे मार डाला ।
उसने कहा कि तुमने पंचायत करके नेकी की थी न !
नेकी का बदला बदी होता है !