लखनऊ: आलमबाग का चंदर नगर इलाका अपनी बदहाली पर बहा रहा आंसू, आए दिन होते हैं हादसे

लखनऊ। मुस्कुराइए आप लखनऊ में हैं, सोंचिये यह लाइने लेखक ने क्यों लिखी होंगी, जरूर लेखक के दिमाग में यहां के गली, मोहल्लों की तस्वीर छपी होगी। लेकिन यह तस्वीर अब लापरवाही के चलते कुछ धुंधली होती जा रही है। अदब, तहजीब और नफासत से सजे इस शहर के कुछ इलाके अब यहां के निवासियों …
लखनऊ। मुस्कुराइए आप लखनऊ में हैं, सोंचिये यह लाइने लेखक ने क्यों लिखी होंगी, जरूर लेखक के दिमाग में यहां के गली, मोहल्लों की तस्वीर छपी होगी। लेकिन यह तस्वीर अब लापरवाही के चलते कुछ धुंधली होती जा रही है। अदब, तहजीब और नफासत से सजे इस शहर के कुछ इलाके अब यहां के निवासियों को ही दर्द देने लगे हैं। उनका दर्द तब और बढ़ जाता है जब शहर की सुन्दरता का जिम्मा संभालने वाला नगर निगम जनसमस्याओं की अनदेखी करता है।
आज बात आलमबाग के चंदर नगर इलाके की। यहां की करीब 20 हजार आबादी खुदी सड़क से परेशान है, सड़कों पर गड्डे मेनहोल का रूपे ले चुके हैं, आये दिन इन गड्डों में गिरकर लोग चोटिल होते हैं। आरोप है कि कई बार अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से शिकायत की गई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सड़कों पर गड्डे अपने आप नहीं हुये हैं,बताया जा रहा है कि करीब एक साल पहले यहां पर सीवर डाला गया था,उसकी वजह से खुदाई हुई,लेकिन सड़क दुरूस्त नहीं की गयी। जो आज समस्या का सबब बन चुकी है।
खास बात यह है कि चंदर नगर के जिस इलाके में यह दिक्कत है,वह क्षेत्र नगर निगम के पीछे पड़ता है। इतना ही यह वहीं इलाका हैं जहां कभी नवाब वाजिद अली शाह की पहली बेगम आलमआरा रहा करती थीं,उनके नाम की कोठी आज भी मौजूद है। समय के साथ कोठी में बदलाव हुये, आज वह राष्ट्रीय धरोहर है।
इस इलाके में खराब सड़कें ही केवल समस्या का सबब नहीं हैं, बल्कि जरा सी बारिश से जगह-जगह जलभराव हो जाता है। सीवर आये दिन चोक हो जाती है, जिससे लोगों के घरों में पानी घुस जाता है। हालात यह हैं कि यहां के स्थानीय निवासी बारिश होने पर सहम जाते हैं। चंदर नगर का हर आदमी यहां की समस्या से परेशान है। बच्चों का घरों से निकलना दूभर है।