अयोध्या : लता मंगेशकर के नाम पर बन रहे चौराहे पर संतों ने जताई आपत्ति, दिया सुझाव

अयोध्या : लता मंगेशकर के नाम पर बन रहे चौराहे पर संतों ने जताई आपत्ति, दिया सुझाव

अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या में स्वर कोकिला लता मंगेशकर के नाम पर बन रहे चौराहे को लेकर साधु-संतों में काफी नाराजगी दिखाई पड़ रही है। रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर संतों ने नया घाट चौराहे का नाम लता मंगेशकर करने पर आपत्ति जताई। उन्होंने महापुरुषों व मंदिर आंदोलन से जुड़े नायकों के नाम …

अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या में स्वर कोकिला लता मंगेशकर के नाम पर बन रहे चौराहे को लेकर साधु-संतों में काफी नाराजगी दिखाई पड़ रही है। रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर संतों ने नया घाट चौराहे का नाम लता मंगेशकर करने पर आपत्ति जताई। उन्होंने महापुरुषों व मंदिर आंदोलन से जुड़े नायकों के नाम पर अयोध्या में स्थल का विकास करने का सुझाव दिया। इसके बाद विहिप ने भी यही सुझाव आगे रख दिया। हालांकि संतों की मांग पर सीएम का कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन एक बात तो तय है कि वह अयोध्या के साधु-संतों को कभी नाराज नहीं देख सकते।

रविवार को महंत रामचंद्र दास परमहंस महाराज की 19वीं पुण्यतिथि में दिगंबर अखाड़ा में आयोजित स्मृति कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री ने जैसे ही अपना उद्बोधन समाप्त किया वैसे ही संतों ने उन्हें अपना सुझाव दे डाला।

संतों ने कहा कि जगद्गुरु रामानंदाचार्य, महाराजा हरिश्चन्द्र, महाराजा भागीरथ, रामचन्द्र दास परमहंस व अशोक सिंघल आदि महापुरुषों से सम्बंधित अयोध्या में स्थल का विकास कराया जाए। इनका मंदिर निर्माण व अयोध्या से काफी गहरा लगाव रहा है। उक्त अवसर पर जगतगुरु राघवाचार्य, विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारी राजेन्द्र सिंह पंकज, रसिक पीठाधीश्वर जन्मेजय सिंह, महंत धर्मदास, पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती, बड़े भक्त महल के महंत अवधेश दास, उदासीन आश्रम के महंत भरत दास, दन्तधावन कुंड के महंत विवेक दास जी, वरुण दास महाराज, बलराम दास जी, राजू दास जी, जयराम दास, महेंद्र दास सहित अन्य संत-महंत मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी की बातों को गौर से सुना।

धार्मिक नगरी की पहचान महापुरुषों से ही है: शरद शर्मा
विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि मेरा ही नहीं संपूर्ण संसार स्वर कोकिला लता मंगेशकर के प्रति नतमस्तक है, लेकिन अयोध्या धार्मिक नगरी है, जिसकी पहचान उपरोक्त महापुरुषों से ही है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समन्वय और राष्ट्र के सजग प्रहरी जगद्गुरु रामानंदाचार्य को अपना आदर्श मानने वालों की संख्या देश में करोड़ों की है। मां गंगा को पृथ्वी पर लाने वाले महाराज भगीरथ को कभी भुलाया ही नहीं जा सकता। महाराज रघु, दशरथ, ना जाने कितने प्रभु श्रीराम से संबंधित कुल के नाम हैं। इसके अलावा मंदिर आंदोलन के दौरान धार्मिक स्वतंत्रता के लिये संघर्षरत रहे परमहंस रामचंद्र दास, अशोक सिंहल, शहीद कारसेवक बंधु, कलकल प्रवाहित होती माता सरयू। ऐसे ही खोजा जाय तो अनेक संत महापुरुष हैं, जिनके नामों का उल्लेख अयोध्या के विकास स्थल पर किया जा सकता है।

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