यूपी: जुर्माना माफी योजना को पंक्चर करने में जुटे जिम्मेदार, आरटीओ कार्यालय में की जा रही है यह डिमांड

यूपी: जुर्माना माफी योजना को पंक्चर करने में जुटे जिम्मेदार, आरटीओ कार्यालय में की जा रही है यह डिमांड

लखनऊ। एक मुश्त शास्ति समाधान योजना को परिवहन विभाग के अधिकारी ही पंक्चर करने में लगे हुए हैं। इस योजना में जुर्माना माफ कराने को आवेदन करने वालों से पांच से दस प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही है। इसकी शिकायत भी परिवहन विभाग से लेकर हेल्पलाइन नंबर पर पहुंच रही है। व्यावसायिक वाहन …

लखनऊ। एक मुश्त शास्ति समाधान योजना को परिवहन विभाग के अधिकारी ही पंक्चर करने में लगे हुए हैं। इस योजना में जुर्माना माफ कराने को आवेदन करने वालों से पांच से दस प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही है। इसकी शिकायत भी परिवहन विभाग से लेकर हेल्पलाइन नंबर पर पहुंच रही है।

व्यावसायिक वाहन मालिकों के अनुसार कोविड काल के बाद से अब तक वह आर्थिक रूप से संभल नहीं पाएं हैं। ऐसे में आरटीओ कार्यालय में सुविधा शुल्क की मांग की जा रही है। परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह के अनुसार एक मुश्त शास्ति समाधान योजना की तारीख एक माह के लिए बढ़ा दी गई है। ताकि अधिक से अधिक वाहन मालिकों को इसका लाभ मिल सके।

इस योजना को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा

योजना के अनुसार एक अप्रैल 2020 से प्रदेश के विभिन्न आरटीओ कार्यालय में पंजीकृत व्यावसायिक वाहन मालिकों को टैक्स पर लगाए गए जुर्माने में शत प्रतिशत छूट दी गई है। साथ ही वाहन मालिक तीन आसान किश्तों में इसका भुगतान कर सकेंगे। पहले इस योजना में 26 जुलाई तक आवेदन लिया जाना था। लेकिन अब 26 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। हालांकि छूट पाने के लिए आवेदक अब 26 अगस्त तक एक हजार रुपए के साथ संबंधित आरटीओ कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। इस योजना को अब आगे नहीं बढ़ाया जायेगा।

आवेदक हो रहे परेशान

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि आरटीओ कार्यालय में तैनात अधिकारियों ने इस योजना में भी कमाई का रास्ता निकाल लिया है। आवेदकों से जुर्माना माफ करने के लिए जुर्माने की राशि का दस से 15 प्रतिशत तक सुविधा शुल्क मांग रहे हैं। इससे आवेदक परेशान हो रहे हैं।

कम वसूली वाले जिलों को चेतावनी

प्रदेश में तकरीबन 5 लाख 38 हजार वाहन ऐसे है। इनसे तकरीबन 1900 करोड़ रुपये की धनराशि वसूली जानी है। इसमें भी 900 करोड़ की धनराशि को शास्ति योजना के तहत माफी है। 1000 करोड़ रुपए टैक्स वसूला जाना है। हकीकत यह है कि अब तक प्रदेश में अधिकतम 45 करोड़ रुपये ही टैक्स जमा कराए गए हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस योजना को एक महीने के लिए बढ़ाया गया है। इसके बाद अब कोई समय सीमा नहीं बढ़ाई जायेगी। एक महीने में टैक्स कम वसूलने वाले जनपदों में तैनात अधिकारियों को चेतावनी दी गई है।

एक मुश्त शास्ति योजना से वाहन मालिकों को राहत देने के लिए शुरू की गई है। एक महीने के लिए यह योजना बढ़ा दी गई है। शास्ति योजना में आवेदकों की कोई शिकायत आई तो संबंधित क्षेत्र के आरटीओ कार्यालय ये लेकर उप परिवहन आयुक्त तक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी…दया शंकर सिंह,परिवहन मंत्री।

अब तक 1500 वाहनों से जमा किया टैक्स

एक मुश्त शास्ति समाधान योजना में लखनऊ ने सबसे अधिक राजस्व वसूली है। एआरटीओ अखिलेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि वह अब तक एक यहां पर साढ़े तीन करोड़ रुपये टैक्स वसूल चुके हैं। यहां पर 38 हजार वाहनों से शुल्क वसूला जाना है। अब तक 1500 वाहनों का टैक्स जमा हो चुका है। उन्होंने बताया कि कार्यालय के किसी भी काउंटर पर आवेदक शास्ति योजना के लिए संपर्क कर सकते हैं। यदि किसी आवेदक से किसी ने भी अनुचित धनराशि मांगी है तो वह मुझसे सम्पर्क कर सकता है।

अपनी जेब से कर रहे हैं योजना का प्रचार प्रसार

आरटीओ प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज ने बताया कि इस योजना के प्रचार प्रसार के लिए हमें कोई सुविधा नहीं मिली है। हम लोग अपनी धनराशि से इसका प्रचार प्रसार कर रहे हैं। इसके लिए कार्यालय में एक अलग से काउंटर बनाया गया है। इस पर लोग सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि टैक्स जमा करने वाले में बड़े वाहन तो शामिल हैं लेकिन विक्रम, ऑटो, टेंपो, ई रिक्शा वाहन मालिक अभी इस योजना में शामिल हो रहे हैं। किसी को भी जबरदस्ती बुला कर इस योजना में शामिल नहीं किया जा सकता।

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