Sri Lanka: श्रीलंका के राष्ट्रपति सचिवालय में 107 दिनों के बाद शुरू हुआ कामकाज
कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति सचिवालय में 107 दिनों के बाद सोमवार को कामकाज शुरू हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दरअसल, देश में हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान राष्ट्रपति सचिवालय के प्रवेश द्वार को प्रदर्शनकारियों ने नौ अप्रैल को बंद कर दिया गया था। इसके बाद नौ जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय …
कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति सचिवालय में 107 दिनों के बाद सोमवार को कामकाज शुरू हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दरअसल, देश में हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान राष्ट्रपति सचिवालय के प्रवेश द्वार को प्रदर्शनकारियों ने नौ अप्रैल को बंद कर दिया गया था। इसके बाद नौ जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय की इमारत में जबरन प्रवेश कर उस पर कब्जा कर लिया था।
संकटग्रस्त राष्ट्र के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के आदेश पर पिछले शुक्रवार को पुलिस और सुरक्षाबलों ने छापेमारी की और प्रदर्शनकारियों को हटाकर इमारत को अपने कब्जे में ले लिया था। अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रपति सचिवालय को प्रदर्शनकारियों के कब्जे से छुड़ाने के बाद सोमवार को उसके कर्मचारियों के लिए खोल दिया गया। सुरक्षाबलों ने सचिवालय के सामने गाले रोड को यातायात के लिए पहले ही खोल दिया था।
राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को समर्थन देंगे, लेकिन उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की आड़ में हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश करेंगे। गौरतलब है कि श्रीलंका मौजूदा समय में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
श्रीलंका की पुलिस ने यहां राष्ट्रपति भवन से चोरी किए गए सोने की परत वाले पीतल के 40 सॉकेट बेचने की कोशिश कर रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह सामान प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति आवास में घुसने के दौरान चोरी किया गया। ये सॉकेट खिड़कियों पर पर्दे लटकाने के लिए दीवार पर लगाए गए थे।
दक्षिण अफ्रीका के एक अधिकार समूह ने सिंगापुर के अटार्नी जनरल को एक आपराधिक शिकायत सौंपी है। इसमें श्रीलंकाई पूर्व राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को कथित युद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तार करने का अनुरोध किया गया है। इसमें तर्क दिया गया कि 2009 में गृहयुद्ध के दौरान, जब राजपक्षे रक्षामंत्री थे, उन्होंने जिनेवा सम्मेलनों का गंभीर उल्लंघन किया था।
ये भी पढ़ें:- पाकिस्तान में लगातार बारिश से अचानक आई बाढ़, 18 लोगों की मौत