अग्निपथ योजना: जानिए उपद्रवियों ने फूंकी कितने करोड़ की रेल संपत्ति

अग्निपथ योजना: जानिए उपद्रवियों ने फूंकी कितने करोड़ की रेल संपत्ति

नई दिल्ली। सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ पिछले महीने देश के कुछ राज्यों में जबर्दस्त उपद्रव किया गया था। सबसे ज्यादा रेलवे की संपत्तियों को ही निशाना बनाया गया था। अब केंद्र सरकार ने संसद को जो जानकारी दी है, उससे पता चलता है कि आंदोलन के नाम पर उपद्रव देश की …

नई दिल्ली। सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ पिछले महीने देश के कुछ राज्यों में जबर्दस्त उपद्रव किया गया था। सबसे ज्यादा रेलवे की संपत्तियों को ही निशाना बनाया गया था। अब केंद्र सरकार ने संसद को जो जानकारी दी है, उससे पता चलता है कि आंदोलन के नाम पर उपद्रव देश की अर्थव्यवस्था के लिए कितना नुकसानदेह है। आखिरकार भुगतना करदाताओं को ही पड़ता है। रेल मंत्री ने संसद में रेल संपत्तियों को पहुंचे नुकसान को लेकर जो बयान दिया है, उसके दो हिस्से हैं। एक तो जो रेल संपत्तियों को आंदोलनकारियों की ओर से निशाना बनाया गया, आग लगाई गई और दूसरी ट्रेनों के कैंसिल करने की वजह से जो नकसान हुआ।

पिछले महीने देश ने सेना में कम समय की भर्ती योजना ‘अग्निपथ स्कीम’ के विरोध में हुए उपद्रव को अपनी आंखों से देखा है। लेकिन, जब इसकी वजह से देशवासियों को हुए नुकसान के आंकड़े देखेंगे तो होश उड़ जाएंगे। सिर्फ रेलवे की करोड़ों की संपत्ति आंदोलन के नाम पर उपद्रवियों ने फूंक डाली। केंद्र सरकार ने लोकसभा में बुधवार को पूरा ब्योरा दिया है, जिसमें बताया गया है कि अग्निपथ योजना के दौरान हुए देशव्यापी आंदोलन की वजह से क्या कुछ हुआ है। रेलवे की संपत्ति को तो नुकसान हुआ ही, ट्रेनें रद्द होने से अलग आर्थिक मार पड़ी है।

आंदोलन के चलते 259. 44 करोड़ रुपये का नुकसान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक लिखित जवाब में लोकसभा को बताया कि इस साल अग्निपथ योजना के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान रेलवे परिसरों में उपद्रव की वजह से दो लोगों की मौत हुई और 35 लोग जख्मी हुए थे। यही नहीं रेलवे के परिसरों से 2,642 उपद्रवियों की गिरफ्तारियां भी हुई हैं। अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा को लिखित जवाब में बताया कि 2022 में तोड़फोड़ की वजह से भारतीय रेलवे को 259. 44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

रेलवे को 102. 96 करोड़ रुपये टिकट रिफंड में नुकसान ठहरिए! 259. 44 करोड़ रुपये सिर्फ वह आंकड़ा है, जो दंगाइयों ने रेलवे की संपत्ति को नष्ट करके पहुंचाई है। इस आंदोलन की वजह से जितनी ट्रेनें कैंसिल करनी पड़ीं और उसका टिकट रिफंड यात्रियों को रेलवे ने दिया, वह अलग है। रेल मंत्री के मुताबिक इस उपद्रव की वजह से यात्रियों को जो टिकट रिफंड किया गया है, उसका अलग से तो डेटा नहीं है, ‘लेकिन, 14 जून और 30 जून, 2022 के बीच टिकट कैंसिलेशन की एवज में कुल करीब 102. 96 करोड़ रुपये रिफंड किए गए।’

तेलंगाना और बिहार में सबसे ज्यादा नुकसान करीब हफ्ते भर चले इस उपद्रव की वजह से रेलवे को सबसे ज्यादा नुकसान बिहार और तेलंगाना में उठाना पड़ा है। दर्जनों एक्सप्रेस ट्रेनों को निशाना बनाया गया और उनके कोच जला दिए गए। इसी की वजह से दो लोगों की जानें चली गईं और 35 लोग घायल हुए। वैष्णव ने गिरफ्तारियों के बारे में बताया कि ‘सबसे ज्यादा 1051 गिरफ्तारियां दक्षिणी जोन से हुई, उसके बाद 700 पूर्व मध्य रेलवे, जिसके दायरे में बिहार और उसके पड़ोसी राज्य आते हैं, 298 उत्तर पूर्व, 244 दक्षिण मध्य और बाकी दूसरी जोन से गिरफ्तारियां की गईं।’ दोनों मौत पूर्व मध्य रेलवे और दक्षिण रेलवे जोन में हुई और सबसे ज्यादा जख्मी दक्षिण मध्य रेलवे जोन में हुए।

पिछले तीन वर्षों में हुआ नुकसान हालांकि, आंदोलन के नाम रेलवे की संपत्तियों को निशाना बनाना उपद्रवियों के लिए कोई नहीं बात नहीं है। रेल मंत्री ने संसद में हड़तालों और आंदोलनों की वजह से बीते कुछ वर्षों में देश के सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट को हुए नुकसान का भी ब्योरा दिया है। अश्विनी वैष्णव के मुताबिक 2019-20 में 151 करोड़, 2020-21 में 904 करोड़ और 2021-22 में 62 करोड़ रुपये की रेलवे को क्षति पहुंची थी।

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