बरेली: ब्लास्ट मशीन के पोल से टकराने के मामले की दिल्ली से आई टीम ने की जांच
बरेली, अमृत विचार। ब्लास्ट मशीन ( पत्थर डालने वाली मशीन ) के मंगलवार को ब्लाक लेकर पत्थरों की छटाई का काम किया जा रहा था। तभी ओएचई (ओवर हेड इलेक्ट्रिक ) लाइन के पोल से ब्लास्ट मशीन टकरा गई थी। कई घंटे तक ट्रेन संचालन प्रभावित हुआ था। वहीं, मुख्यालय से आई टीम भी घटनास्थल पर …
बरेली, अमृत विचार। ब्लास्ट मशीन ( पत्थर डालने वाली मशीन ) के मंगलवार को ब्लाक लेकर पत्थरों की छटाई का काम किया जा रहा था। तभी ओएचई (ओवर हेड इलेक्ट्रिक ) लाइन के पोल से ब्लास्ट मशीन टकरा गई थी। कई घंटे तक ट्रेन संचालन प्रभावित हुआ था। वहीं, मुख्यालय से आई टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई और देर रात तक जांच की। यह टीम लखनऊ मेल से दिल्ली के लिए रवाना हो गई। टीम रिपोर्ट मुख्यालय जाकर रेलवे के आला अधिकारियों को सौंपेगी। हालांकि, अधिकारी इसे मानवीय भूल बता रहे हैं। जिस कर्मचारी से भूल हुई, उसने भी अपनी गलती टीम के सामने मानी है।
कैंट और रसुईया स्टेशन के बीच किलोमीटर संख्या 1301 के पोल संख्या 18 पर हुई घटना के बाद ओएचई का पोल टेढ़ा हो गया था। अधिकारी मान रहे हैं कि अगर ओएचई टूटकर मशीन पर गिरती या और अधिक नीचे आ जाती तो ब्लास्ट होने के साथ करंट भी फैल सकता था। जिससे किसी बड़ी अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
अधिकारियों के मुताबिक ब्लास्ट मशीन मुख्यालय से ही उपलब्ध कराई जाती है, ऐसे में घटना की जानकारी मिलने के तुंरत बाद दिल्ली से एक टीम श्रमजीवी एक्सप्रेस से चल दी थी। मंगलवार देर शाम बरेली पहुंचने के बाद टीम ने प्रत्येक बिंदु पर जांच की। कहा जा रहा है कि ब्लास्ट मशीन के सेंसर ने काम नहीं किया, जिसकी वजह से हादसा हुआ।
आपरेटर ने संबंधित दिशा का नहीं बल्कि उल्टी दिशा का सेंसर आन किया हुआ था। जिसकी वजह से मशीन ओएचई के पोल से जाकर टकरा गई। अगर सेंसर काम करता तो मशीन पोल से नहीं टकराती। पूरे मामले में आरपीएफ, रेलपथ और टीआरडी के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी है।
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