मथुरा: जनता की फरियाद न सुनने पर SSP के सख्त तेवर, कहा- कार्यप्रणाली सुधार लो वरना बिस्तर बांध लो

अमृत विचार, मथुरा। थाने पर आने वाले पीड़ियों की सुनवाई न करने वाले कान खोलकर सुन लें, या तो वह अपनी कार्य प्रणाली सुधार लें या फिर अपना बिस्तर बांध लें। कामचोरी एवं लापरवाही करने वाल अधिकारियों को थाने एवं चौकी की जिम्मेदारी देने का कोई औचित्य नहीं है। एसएसपी अभिषेक यादव ने पहली क्राइम …
अमृत विचार, मथुरा। थाने पर आने वाले पीड़ियों की सुनवाई न करने वाले कान खोलकर सुन लें, या तो वह अपनी कार्य प्रणाली सुधार लें या फिर अपना बिस्तर बांध लें। कामचोरी एवं लापरवाही करने वाल अधिकारियों को थाने एवं चौकी की जिम्मेदारी देने का कोई औचित्य नहीं है।
एसएसपी अभिषेक यादव ने पहली क्राइम मीटिंग में अपने सख्त तेवर अधीनस्थों को दिखा दिए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अधिकारी अपने काम को ईमानदारी से करेंगे तो ही पद पर रहेंगे, यदि ऐसा नहीं किया तो उनके लिए पुलिस लाइन में बहत स्थान है। पुलिस लाइन में अभी बहुत से जैसे ईमानदार और मेहनती लोग लाइन में लगे हैं जो कि जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कोतवाली, थाना एवं चौकी प्रभारियों को अपना व्यवहार सुधारने की हिदायद दी।
साथ ही कहा कि थाने एवं चौकी पर आने वाले प्रत्येक फरियादी की सुनवाई होनी चाहिए। अधिकारी अपने क्षेत्र में लगातार गश्त करते रहे। यदि कहीं कोई परेशानी आ रही है तो अपने उच्चाधिकारी का निर्देशन लेकर उसका समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि जब से मैंने चार्ज संभाला है रोजाना मुख्यालय पर पीड़ितों की लाइन लगी देख रहा हूं।
यह लाइन इसी लिए लगती है क्योंकि फरियादियों की सुनवाई थाना एवं चौकी स्तर पर नहीं हो रही। यदि उनकी सुनवाई वहीं पर हो जाए तो वह मुख्यालय नहीं आएंगे। 15 दिन के अंदर इस संख्या में कमी आ जानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो जिस थाना एवं चौकी की शिकायतें ज्यादा आएंगी वहां से प्रभारियों को जिम्मेदारी से मुक्त कर पुलिस लाइन भेजा जाएगा।
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