हाल ए स्मार्ट लखनऊ: न सड़के हैं, न नालियां… मुश्किलों में जिंदगी गुजारने को मजबूर है फैजुल्लागंज के लोग

लखनऊ। सरकारी कागजों में तो राजधानी लखनऊ स्मार्ट सिटी है लेकिन यहां का फैजुल्लागंज इलाका आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। जमीनी हकीकत तो और भी ज्यादा दर्दनाक है। न सड़के हैं, न नालियां जगह-जगह खाली पड़े प्लॉट व जमीने दलदल का रूप ले चुकी हैं। उनमें सुअरों का बसेरा बना हुआ …
लखनऊ। सरकारी कागजों में तो राजधानी लखनऊ स्मार्ट सिटी है लेकिन यहां का फैजुल्लागंज इलाका आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। जमीनी हकीकत तो और भी ज्यादा दर्दनाक है। न सड़के हैं, न नालियां जगह-जगह खाली पड़े प्लॉट व जमीने दलदल का रूप ले चुकी हैं। उनमें सुअरों का बसेरा बना हुआ है, गन्दगी का आलम यह है कि काफी भारी तादात में सुअरों की मौत भी हो चुकी है। जिन इलाकों में ज्यादा दिक्कत है उनमें श्याम बिहारी कॉलोनी, संत कबीर नगर, गाजीपुर, दाउदनगर तथा हनुमंत नगर मुख्य इलाके हैं।
बताया जा रहा है कि इन इलाकों में बारिश के बाद करीब 15 से 20 बच्चे बुखार से पीड़ित हैं, स्वास्थ्य विभाग इसे सामान्य दिक्कत बता रहा है,वहीं इलाके के लोग बच्चों के बीमार होने से दहशत में है आज एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इलाके का दौरा किया है, साथ ही कैंप लगाकर लोगों को दवाइयां बांटी जा रही हैं। इतना ही नहीं इलाके के लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण भी हो रहा है।
मौके पर पहुंचकर संचारी रोग निदेशक डॉक्टर ए के सिंह, डिप्टी सीएमओ व जिला सर्विलांस अघिकारी डॉ मिलिंद वर्धन, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी ने पूरे इलाके का निरीक्षण किया।
साथ ही श्याम विहार कॉलोनी में एक मेडिकल यूनिट तैनात की गई है। एसीएमओ डॉ मिलिंद वर्धन ने बताया है कि इस पूरे इलाके में एक मेडिकल मोबाइल बैन भी तैनात की गई है, जो पूरे क्षेत्र का भ्रमण करती है और जहां पर स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है वहां पर दवाई बांटने का काम करती है।
बताया जा रहा है कि सूअरों की मौत किस वजह से हुई है, इसको जानने के लिए सैम्पल पशुपालन विभाग की तरफ से भोपाल भेजा गया था,लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन बच्चों की तबीयत खराब है जांच के लिए उनके भी ब्लड सैंपल केजीएमयू भेजे गए थे। स्वास्थ विभाग की मानें तो सूअरों की मौत होने तथा बच्चों के बीमार होने में कोई कनेक्शन अभी तक सामने नहीं आया है।
ममता त्रिपाठी बताती हैं काफी बड़े क्षेत्र में जलभराव है इसके अलावा जो जगह-जगह पानी भरा हुआ है यह बारिश का पानी नहीं है बल्कि सीवर का निकला हुआ गंदा पानी है जिसकी वजह से लोगों को ज्यादा दिक्कत हो रही है। जो लोग बुखार से पीड़ित हैं या उनके घर में बच्चे बीमार हैं उन्होंने बताया कि यह केवल इस बार की दिक्कत नहीं है बल्कि हर साल इस मौसम में यहां काफी तादाद में लोग बीमार होते हैं और इसका एक कारण यहां फैली चारो तरफ गंदगी है। यहां के लोग इस आस में हैं कि कब सरकार व प्रशासन की नजर उन पर पड़ेगी और उनकी समस्याओं का निदान होगा।
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